इन्दौर पुलिस की यातायात टीम लगातार हो रही है हाईटेक
इन्दौर। शहर (Indore) के बिगड़े यातायात को सुधारने की कवायद पुलिस (POlice) और उसका यातायात महकमा तो करता ही है, वहीं नगर निगम ने भी अपने बजट में ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए करोड़ों रुपये की राशि का प्रावधान किया है। अभी चालानी कार्रवाई के दौरान कई तरह के विवाद भी होते हैं। इसके मद्देनजर जवानों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं। लगभग 340 कैमरे अभी तक बांटे जा चुके हैं, ताकि चालानी कार्रवाई की पूरी रिकार्डिंग हो सके और ऊपरी वसूली के भी आरोप ना लगे।
पुलिस उपायुक्त यातायात प्रबंधन मनीषकुमार अग्रवाल (Deputy Commissioner of Police Traffic Management Manishkumar Agrawal) ने जानकारी में बताया कि जिस तरह विदेशों में पुलिस सहित अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा हाईटेक उपकरण इस्तेमाल किए जाते हैं, उसी तर्ज पर इन्दौर में भी यातायात विभाग से जुड़े अधिकारियों को बॉडी वार्न कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं, वहीं इन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे पीओएस, आरएलवीडी या अन्य माध्यम से जब भी चालानी कार्रवाई करेंगे या नकद राशि लेंगे तो बॉडी वार्न कैमरे में सम्पूर्ण कार्रवाई की रिकार्डिंग अनिवार्य रूप से करें। दरअसल यह कैमरे लेफ्ट हैंड में सीने की तरफ लगाए जाते हैं और इसके चलते चालानी कार्रवाई की वीडियोग्राफी तो होती है, वहीं स्थान, वाहन चालक, मोटरव्हीकल एक्ट की धारा के साथ किए गए जुर्माने की राशि को भी रिकार्ड किया जाता है। अग्रवाल के मुताबिक रोजाना की जा रही इस कार्रवाई की मॉनिटरिंग भी संबंधित झोन के सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा की जा रही है। दरअसल अभी कई बार चौराहों या अन्य सडक़ों पर यातायात के जवानों द्वारा चालानी कार्रवाई की जाती है तो उस दौरान दुव्र्यवहार करने से लेकर नेताओं से बात कराने या रसूखदार होने का रौब भी दिखाया जाता है।
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