वाराणसी । वाराणसी (Varanasi) में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Masjid controversy) को सुलझाने के लिए आज सर्वे किया जाएगा। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी (Shrikashi Vishwanath Dham Gyanvapi) स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज यानि 6 मई को होगा। इसे लेकर डीसीपी सुरक्षा ने बैठक कर सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की।
बता दें कि सिविल जज सीडी रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने वादिनी राखी सिंह व पांच अन्य के मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी व अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट मांगी है।
वाद में नियमित दर्शन पूजन की मांग की गई है। इस दौरान कोर्ट का आदेश है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे और वीडियोग्राफी हो। वादी पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी के मुताबिक डीसीपी सुरक्षा ने सुरक्षा के मुद्दे पर बैठक कर गहन चर्चा की।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार नहीं हो रहा है। 1937 में बनारस के तत्कालीन सिविल जज एस बी सिंह ने एक नहीं बल्कि दो बार मस्जिद परिसर और आसपास का स्वयं निरीक्षण किया था। पहली बार संबंधित मुकदमे की सुनवाई से पहले और दूसरा निरीक्षण फैसला सुनाने के पूर्व किया गया था।
सिद्धगिरि बाग स्थित ब्रह्म निवास में प्रेसवार्ता में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि न्यायालय ने शृंगार गौरी विवाद में ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी लिए एक टीम गठित की है, जो छह मई को विवादित परिसर में जाकर वीडियोग्राफी और सर्वे का कार्य करेगी।
जबकि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएस यासीन कह रहे हैं कि वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे। यह देश संविधान ओर कानून के अनुसार चलेगा। ऐसा नहीं है कि विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार हो रहा है।