नई दिल्ली । विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी की दरगाह (Ajmeri Dargah) पर फोटोग्राफी और वीडियो (photography and video) बनाने पर प्रतिबंध (ban) लगा दिया गया है। दरगाह कमेटी अजमेर शरीफ ने यह प्रतिबंध दरगाह की बेअदबी को रोकने के लिये लगाया है। दरगाह पर आने वाले जायरीन और कुछ लोग वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, जिसकी वजह से दरगाह की बेअदबी का मामला सामने आया है।
दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन खान पठान ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा है कि यह सख्त फैसला दरगाह की बेहुरमती (बेअदबी) के मामले में वृद्धि होने के बाद किया गया है। उनका कहना है कि ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये गये हैं, जिसमें दरगाह की बेहुरमती की गई है।
उनका कहना है कि वीडियो और फोटोग्राफी पर लगाए गए प्रतिबंध पर सख्ती से पालन कराया जाएगा और इसके लिए दरगाह में जगह-जगह पोस्टर बैनर लगाए जाएंगे और लाउडस्पीकर के माध्यम से बार-बार इसके लिए ऐलान भी किया जाएगा।
दरगाह कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि सोशल मीडिया पर स्वयं को प्रचारित करने के चलन की वजह से कई मोबाइल उपभोक्ता दरगाह शरीफ़ में वीडियो और फोटो खिंचवा कर वायरल कर रहे हैं। अपने शौक और प्रसिद्धि के लिये बनाये गये इन वीडियो व तस्वीरों के जरिये दरगाह शरीफ़ की प्रतिष्ठा, आदर, सम्मान और व्यवस्था को आघात पहुंचता है। इन्हीं विषयों को देखते हुये दरगाह कमेटी ने इसे प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।
दरगाह कमेटी ने बढ़ते वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के चलन को रोकने के लिये दरगाह शरीफ से सम्बंधित अंजुमन से सचिव को भी पत्र लिखकर सहयोग का अनुरोध किया गया है।
गौरतलब है कि शाहजहानी मस्जिद में जिम्नास्टिक स्टेप के वायरल वीडियो से चर्चा में आई युवती ने ई-मेल के जरिए माफी मांगी है। अपने क्षमा याचना पत्र में युवती ने ख्वाजा ग़रीब नवाज़ के प्रति अपनी गहरी आस्था और आदर का उल्लेख करते हुये किसी भी जाति, धर्म या समुदाय को आघात नहीं पहुंचाने की बात कही है। उसने उक्त वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटाने की बात कही है।
युवती से प्राप्त ई-मेल पर दरगाह कमेटी चेयरमैन अमीन पठान ने भी युवती को माफ करने का निर्णय लिया है। साथ ही हिदायत दी कि वह भविष्य में आदर एवं सम्मान वाले किसी भी स्थान पर इस तरह से कोई वीडियो या फोटोग्राफी नहीं कराएंगी।
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