नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उद्योगपति वेणुगोपाल धूत व दो अन्य कंपनियों पर मंगलवार को 75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी की ओर से यह कार्रवाई वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयर में भेदिया कारोबार (इनसाइटर ट्रेडिंग) के चलते की गई है। बाजार नियामक सेबी ने धूत के अलावा इलेक्ट्रोपार्ट्स इंडिया व वीडियोकॉन रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 25-25 लाख रुपये जुर्माना भरने को कहा है। तीनों को यह जुर्माना 45 दिन के अंदर भरना होगा।
2017 में लगा था इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप
सेबी का कहना है कि उसे 16 जून 2017 व 13 अक्तूबर 2017 को वीडियोकॉन के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग की शिकायत मिली थी। आरोप था कि वीडियोकॉन के शेयरों को जानबूझ कर गिराया गया था। इसके बाद सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) से जांच की मांग की।
एनएसई की रिपोर्ट के अधार पर सेबी ने 2017 में तीन अप्रैल से 29 सितंबर के बीच वीडियोकॉन के शेयरों की जांच की। इसमें यह बात सामने आई कि वेणुगोपाल धूत, इलेक्ट्रोपार्ट्स इंडिया व वीडियोकॉन रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए इनसाइडर ट्रेडिंग की गई थी।
संवेदनशील सूचना के बाद भी किया कारोबार
सेबी की ओर से बताया गया कि देना बैंक वीडियोकॉन के लोन अकाउंट को एनपीए करने वाला था। इसका असर वीडियोकॉन के शेयर पर पड़ता। यह जानकारी वेणुगोपाल धूत और अन्य दो कंपनियों के पास थी। इसके बावजूद दोनों कंपनियों ने या तो अपने शेयर गिरवी रख दिए या फिर अन्य फर्मों को ट्रांसफर कर दिए। वेणुगोपाल ने इन दोनों कंपनियों की ओर से कारोबार किया था। जबकि, वे आंतरिक सूत्र थे। सेबी का कहना है कि जानबूझ कर नियमों का उल्लंघन किया गया और शेयर गिराने के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग की गई थी।
इनसाइडर ट्रेनिंग पर है रोक
सेबी ने आम निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाई है। इसे भेदिया कारोबार भी कहा जाता है। दरअसल, जब कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई व्यक्ति शेयरों की अंधरूनी जानकारी होने के बाद भी शेयर बेच या खरीद कर मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेनिंग कहते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved