जबलपुर। विक्टोरिया अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी कुछ महीनों से आईसीयू के एक बंद होने की शिकायत सामने आई थी, अब यहां इस बार ओपीडी के पंखे बंद होने के नजारे देखने को मिल रहे हैं और तो और कई जगहों के पंखे भी गायब हो चुके हैं। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को उमेश भरी गर्मी में और भी हलाकान होना पड़ रहा है।
विक्टोरिया अस्पताल में वैसे तो मरीजों के लिए अनेक सुविधाएं रहती हैं और मरीजों को मिलती हैं। लेकिन कुछ महीनों से यहां पर व्यवस्थाएं पर बेपटरी होती दिखाई दे रही हैं। बिजली उपकरणों की देख रेख करने वाले बेपरवाह होकर अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं। इससे इन्हें मरीजों की को परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है। बार-बार मेंटेनेंस के नाम पर चाहे जब यहां पर सुधार कार्य शुरू हो जाता है और फिर वह महीना चलता रहता है। यहां पर आए मरीजों ने बताया कि ऐसी उम्र भरी गर्मी में पंख बंद हैं और कई जगह की ओपीडी के पंख गायब हो चुके हैं। यह सब यहां पर हफ्तों से चला आ रहा है।
मरीजों की भीड़ और गर्मी
इस समय मौसमी बीमारियों के मरीज हर घर से यहां पर रोज आ रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की लंबी-लंबी करें भी लग रही हैं। उस पर भी उमस भरी गर्मी यहां पर मरीज को बेचैन कर रही है। यहां आए मरीजों ने जब अस्पताल के कुछ कर्मचारियों से पूछा कि यहां के पंख क्यों बंद है तो उन्होंने जवाब दिया कि सुधार कार्य चल रहा है। इसी कारण पंख बंद है और कुछ पंख सुधारने गए हैं।
समय पर नहीं करते मेंटेनेंस
यहां पर कार्य कुछ कर्मचारियों ने बताया कि मेंटेनेंस करने वाले समय पर अपना काम नहीं करते इसलिए समस्या बढ़ जाती है। और सभी को परेशानी होती है। मेंटेनेंस करने वाले इनका ठीक से रख रखाव अगर समय पर करें तो इस तरह की समस्या ना हो लेकिन वह अपने काम को गंभीरता से नहीं लेते। आखिर परेशानी तो मरीजों की है उसे इन्हें क्या। वह तो सिर्फ अपना काम अपने हिसाब से करते हैं फिर चाहे चार-पांच दिन लगे या 15 दिन।
पंखे बंद हो गए हैं, और कुछ पंखे रिपेयरिंग के लिए भी गए हैं। एक-दो दिन में स्थिति ठीक हो जाएगी।
डॉ. मनीष मिश्रा, सिविल सर्जन, विक्टोरिया
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