नई दिल्ली: सरकार ने फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सुरक्षित बनाने के लिए सख्ती की तैयारी कर ली है. ऐसे कई मामले देखे गए हैं, जिनमें शातिर अपराधियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सहारे लोगों को फर्जी लोन ऐप के जाल में फंसाया. जल्दी ही इसे ठीक करने की दिशा में कदम उठाए जाने वाले हैं.
इस तैयारी में लगी है सरकार
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार फर्जी लोन ऐप को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सख्ती करने वाली है. शातिर अपराधी फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शिकार फंसाने में करते हैं. इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐड चलाकर फर्जी लोन ऐप को प्रमोट कर दिया जाता है. सरकार अब सोशल मीडिया कंपनियों पर दबाव डालने वाली है ताकि वे इस तरह के ऐड को चलाने की मंजूरी देने से पहले उचित तरीके से परख लें.
मौजूदा आईटी कानून में होगा संशोधन
रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रेशखर के हवाले से कहा गया है कि इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी के मौजूदा नियमों को संशोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार भारत में सोशल मीडिया के जरिए फर्जी लोन ऐप के प्रसार पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने जा रही है. इस दिशा में मौजूदा नियमों में संशोधन किया जाएगा, ताकि इन प्लेटफॉर्म पर फर्जी लोन ऐप के विज्ञापनों पर रोक लगाई जा सके.
चुनाव के बाद हो पाएगा बदलाव
हालांकि चुनाव को देखते हुए इस दिशा में कदम उठाने में देरी हो सकती है. अभी से कुछ महीने बाद लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इस कारण अनुमान है कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून में जिन बदलावों की जरूरत होगी, वह संशोधन चुनाव बाद ही हो सकेगा. इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं.
ऐसे दुरुपयोग करते हैं अपराधी
मौजूदा प्रावधानों में फर्जी लोन ऐप को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ऊपर कोई दंडात्मक कार्रवाई की व्यवस्था नहीं है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अभी शुल्क वसूलकर ऐड चलाने की अनुमति देते हैं. इसका इस्तेमाल ऑनलाइन अपराधियों के द्वारा कर लिया जाता है. जब यूजर रिपोर्ट करते हैं, तब सोशल मीडिया कंपनियां ऐड को डाउन करती हैं. कानून में संशोधन में यह प्रावधान जोड़ा जा रहा है कि फर्जी लोन ऐप का ऐड चलाने पर सोशल मीडिया कंपनियों को मिलने वाली लीगल इम्युनिटी समाप्त हो जाए.
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