मुंबई: बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल (Vicky Kaushal) के पिता शाम कौशल (Sham Kaushal) को इंडस्ट्री में काम करते हुए 42 साल पूरे हो गए हैं. दंगल, पद्मावत, गैंग्स ऑफ वासेपुर और गंगूबाई काठियावाड़ी तक उन्होंने कई हिट फिल्मों पर काम किया है.
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपने चार दशक पूरे करने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए वो लोगों को और भगवान को शुक्रिया अदा करते हैं. एक पोर्टल से बातचीत में शाम कौशल ने पहली बार कैंसर से अपनी लड़ाई पर भी बात की.
पेट में हुआ था कैंसर
शाम ने बताया कि सितम्बर 2003 में जब वो लद्दाख में ऋतिक रोशन की फिल्म ‘लक्ष्य’ का शूट कर के वापस लौटे तो उन्हें पेट में समस्या होने लगी. श्याम बेनेगल की फिल्म ‘नेताजी सुभाषचंद्र बोस’ के शूट पर जब दिवाली की छुट्टी हुई तो उन्हें पेट में बहुत तेज दर्द उठा. नानावटी हॉस्पिटल में चेकअप के दौरान उनके पेट का ऑपरेशन हुआ और फिर कई समस्याएं हो गईं.
शाम कौशल ने बताया कि एक बार उनका अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था तब नाना पाटेकर उनके साथ गए थे. इस बार वो हॉस्पिटल गए तो डॉक्टर्स ने फिर से नाना को बुला लिया. शाम के पेट में इन्फेक्शन हो गया था. इसी बीच डॉक्टर्स ने उनके पेट का जब एक सैंपल टेस्ट करने के लिए भेजा तो पेट में कैंसर (Stomach Cancer) होने की बात सामने आई.
ई टाइम्स से बात करते हुए शाम ने बताया कि वो इतने परेशान हो गए थे कि सुसाइड करने के बारे में सोचने लगे थे. उन्होंने बताया, ‘मुझे लगा कि मेरे बचने का कोई चांस नहीं है. मैंने ये भी तय कर लिया था कि मैं तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जिंदगी खत्म कर लूंगा. लेकिन मैं बिस्तर से नहीं उठ सकता था क्योंकि पेट का ऑपरेशन हुआ था. मैंने भगवान से कहा- ‘प्लीज ये सब खत्म करो. मुझे कोई पछतावा नहीं है. मैं छोटे से गांव से आया और आपकी कृपा से, मैंने एक अच्छी जिंदगी जी. अगर आप मुझे बचाना चाहते हैं, तो मुझे कमजोर मत बनाइए.’ इसके बाद मुझे शांति मिली.’
अनुराग कश्यप ने दिया साथ
शाम ने बताया कि इस दौर में बहुत लोगों ने उनका साथ दिया मगर एक घटना है जो वो बताना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने एक फिल्म साइन की थी जो नवंबर में फ्लोर्स पर जानी थी. लेकिन अक्टूबर में वो हॉस्पिटल में थे और हालत बिगड़ने से सुसाइड तक का सोचने लगे. लेकिन जब वो शांत हुआ तो अगले दिन उन्होंने नवंबर में शुरू होने वाली फिल्म का साइनिंग अमाउंट लौटाने के लिए प्रोडक्शन को कॉल किया.
शाम ने बताया, ‘फिल्म के डायरेक्टर, जो खुद उस समय स्ट्रगल कर रहे थे, उन्होंने मुझे फोन पर एक मैसेज भेजा और कहा- ‘सर, ये फिल्म आप ही करेंगे और हम इसके लिए इंतजार करेंगे.’ और उन्होंने इंतजार किया. जब मैं 50 दिन हॉस्पिटल में बिताने के बाद वापस लौटा, तो मैंने सबसे पहली फिल्म उसी डायरेक्टर के साथ की जिसने मेरा वेट किया था. वो अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) थे और फिल्म थी ब्लैक फ्राइडे.’
शाम ने एक बार फिर कहा कि जब वो इंडस्ट्री में आए थे तो उनके पास कुछ नहीं था. आज जो कुछ भी है वो इस इंडस्ट्री की वजह से है. उन्होंने कहा, ‘लोगों ने मुझे सीखने और काम करने का मौका दिया. ये अच्छे लोगों से भरा इतना अच्छा शहर है. कोई भी परफेक्ट नहीं है. और अगर मुझे कमियां देखनी हों, तो मैं अपनी देखूंगा. आपको लोगों की अच्छाइयां जरूर देखनी चाहिए.’
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