नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि भारत की प्रगति को रोका नहीं जा सकता और देश दो साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उपराष्ट्रपति ने 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में भरोसा जताया कि यदि हम जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचें तो हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए इसका इष्टतम उपयोग किया जाएगा, जो समय की मांग है, देश की तथा पृथ्वी की जरूरत है।
धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ आह्वान के मूल में आर्थिक स्वतंत्रता है। हथकरघा उत्पाद इसके प्रमुख तत्वों में से एक हैं। आर्थिक राष्ट्रवाद की जोरदार वकालत करते हुए धनखड़ ने कहा कि यह देश की ‘‘आधारभूत आर्थिक वृद्धि’’ के लिए मौलिक है। इससे विदेशी मुद्रा की बचत, रोजगार सृजन तथा उद्यमिता को बढ़ावा सहित तीन प्रमुख प्रभाव होंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि हर कोई राष्ट्रीय हित का सम्मान करे। क्या हम केवल राजकोषीय लाभ के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद का त्याग कर सकते हैं?…’’ धनखड़ ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और ‘‘आज कोई भी यह नहीं कह सकता कि हम संभावनाओं से भरा राष्ट्र हैं, क्योंकि हम प्रगति कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘… हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम दो साल या उससे भी कम समय में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’ उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वे साड़ी, कुर्ते, शॉल आदि हथकरघा उत्पाद खरीदने की आदत बनाने का संकल्प लें, ताकि यह एक ‘फैशन स्टेटमेंट’, एक ब्रांड बन जाए और इसकी बिक्री बढ़े।
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