नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप (Vice President Jagdeep)ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi)के अमेरिका (America)में दिए गए बयान पर उनकी निंदा(his condemnation of the statement) की है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद (Constitutional position)पर बैठे व्यक्ति द्वारा विदेशी धरती पर सिलसिलेवार तरीके से समय-समय पर भारत विरोधी बयानबाजी होती रहती है। यह चिंता और विचार विचार विमर्श का विषय है कि कैसे एक बहुत बड़े संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति विदेश जाता है और वहां पर ऐसे बयान देता है कि आरक्षण समाप्त होना चाहिए। महाराष्ट्र में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक ट्रेनिंग सेंटरों में संविधान मंदिरों का उद्घाटन करने पहुंचे उपराष्ट्रपति ने राहुल गांधी पर बिना नाम लिए जमकर निशाना साधा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के संविधान को केवल जेब में रखकर घूमने से और दिखाते रहने कुछ नहीं होता इसे पढ़ना और समझना भी होता है। संविधान को एक किताब की तरह प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। संविधान का सम्मान करना होगा। उनके द्वारा संविधान को समझा नहीं गया है।
धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी घेरा
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आरक्षण पर राहुल गांधी के रुख के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि यह सब भी आरक्षण के बहुत बड़े आलोचक थे। उन्हें आरक्षण के खिलाफ पूर्वाग्रहों की एक छड़ी दे दी गई है। यह वही पुरानी आरक्षण विरोधी मानसिकता है।
धनखड़ पर कांग्रेस का पलटवार
धनखड़ के राहुल गांधी पर बिना नाम लिए किए गए इस हमले का जवाब कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने दिया। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा की राहुल गांधी आरक्षण विरोधी नहीं हैं। उन्होंने तो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की बात की है। क्या आप कांग्रेस की इस मांग का समर्थन करते हैं।
दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राहुल गांधी के अमेरिका में दिए गए उस बयान के विषय में बोल रहे थे जो कि उन्होंने अमेरिका में दिया था। राहुल गांधी ने आरक्षण के संभावित भविष्य को लेकर कहा था कि पार्टी इसे हटाने का तभी विचार करेगी जब हमारा देश एक निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन करेगा। अभी की परिस्थितियों को देखते हुए इस व्यवस्था का बने रहना जरूरी है।
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