नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में मनुस्मृति (manusmriti) पढ़ाने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमता नजर आ रहा है. वाइस चांसलर (VC) ने इसे लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
डीयू की लॉ फैकल्टी ने अपने फर्स्ट और थर्ड ईयर के छात्रों को ‘मनुस्मृति’ पढ़ाने के लिए सिलेबस में संशोधन करने की अनुमती मांगी थी. जिसे लेकर हंगामा हो गया था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के एलएलबी छात्रों ने मनुस्मृति पढ़ाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की थी. इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को अकादमिक परिषद की बैठक में चर्चा की जानी थी. इस कदम की शिक्षकों के एक वर्ग ने भी आलोचना की थी.
मनुस्मृति हिंदू धर्म के सबसे अहम ग्रंथों में से एक है, जिसे संस्कृत भाषा में लिखा गया है. मनुस्मृति में कानून, सामाजिक व्यवस्था सहित धर्म, नीति से संबंधित विषयों पर विस्तार में जानकारी दी गई है. ऐसा माना जाता है कि भगवान मनु द्वारा मनुस्मृति को लिखा गया है. मान्यता के अनुसार भगवान मनु हिंदू धर्म में मानवजाति के प्रथम पुरुष और विष्णु भगवान का अवतार हैं. कुल 12 अध्याय और 2684 श्लोक मनुस्मृति में हैं. कुछ संस्करणों में श्लोकों की संख्या 2964 बताई गई है.
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