जबलपुर। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम शुरू होने से ही विवादों में था। क्योंकि करोना की तीसरी लहर के बीच जिस प्रकार से यह कार्यक्रम का आयोजन हुआ, उसके बाद कोरोना का ग्राफ भी बढ़ गया। पूरे शहर में यह चर्चा जोरों पर थी कि कार्यक्रम को करने की क्या जरूरत थी, जहां लगातार कोरोना के केस शहर में बढ़ रहे थे। वहीं सुबह से ही कार्यक्रम पर शहर के बुद्धिजीवियों की नजर थी। कार्यक्रम के समाप्त होते-होते एक दर्जन लोग पॉजिटिव आ गये। कार्यक्रम को लेकर एनएसयूआई ने लगातार विरोध किया, जिसके बाद शहर के राज्य सभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट करते हुए कार्यक्रम को आड़े हाथों लिया है विवेक तंखा का कहना है कि जबलपुर यूनिवर्सिटी में तमाम अनुरोध के बावजूद दीक्षांत समारोह राज्यपाल की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कई कोविड केस आने के बाद कोविड पाजिटिव कार्यक्रम में मंच से लेकर आमंत्रित लोगों के बीच में थे, इसलिए मैं कुलपति को कुलाधिपति से ज्यादा दोषी मानूंगा। तंखा जी ने कहा कि प्रतिष्ठित व्यक्तियों से यह उम्मीद नहीं थी कि जनहित को ऐसे नजरअंदाज करेंगे। कोविड के चलतेते जब पब्लिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए एउसके बाद महानुभाव द्वारा यह कैसा उदाहरण पेश किया गया।इस प्रकार के आचरण से पब्लिक के नुमाइंदे दिन प्रतिदिन अपनी प्रतिष्ठा गिरा रहे हैं।
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