नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से शनि का गोचर खास महत्व रखता है. शनि देव जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो किसी राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाती है, जबकि किसी राशि पर साढ़ेसाती. शनि देव 18 जनवरी को नक्षत्र परिवर्तन किए हैं.
अब जल्द राशि परिवर्तन करने वाले हैं. शनि को राशि बदलने में ढाई साल का वक्त लगता है. इस तरह 12 राशियों का चक्र पूरा करने में इन्हें 30 साल का वक्त लगता है. ऐसे में जानते हैं कि शनि देव कब राशि बदलने वाले हैं और किन राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू होने वाली है.
शुरू हो जाएगी साढ़ेसाती का दूसरा चरण
ज्योतिष की गणना के मुताबिक 29 अप्रैल को शनि का राशि परिवर्तन होगा. इस दौरान शनि देव अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे. शनि के इस गोचर से कई राशियों के जीवन में खास परिवर्तन देखने को मिलेगा. साथ ही शनि का यह राशि परिवर्तन ज्योतिष की नजरिए से भी खास है.
दरअसल इस दौरान शनि कुंभ राशि में मजबूत स्थिति में रहेंगे. शनि के इस गोचर से सबसे अधिक कष्ट कुंभ राशि वालों को ही होगा, क्योंकि इस राशि में साढ़साती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा. साढ़ेसाती का दूसरा चरण बेहद कष्टकारी माना जाता है.
इन राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या
29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. जबकि मिथुन और तुला राशि के जातक ढैय्या के प्रभाव से मुक्त होंगे. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 5 जून, 2022 को शनि देव फिर से वक्री होंगे और 12 जुलाई से मकर राशि में दोबारा गोचक करेंगे.
जिसके प्रभाव से जो राशियां शनि के प्राभव से मुक्त हो चुके होंगी वो फिर से शनि के चपेट में आ जाएंगी. इसके अलावा शनि 12 जुलाई 2022 से 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में प्रवेश करेंगे. फिर शनि देव अपनी गोचर राशि में लौट आएंगे.
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