मध्यप्रदेश के सडक़ यातायात को आज से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की बड़ी सौगात…
अभी धामनोद से जुड़ेगा इंदौर, लेकिन 8 माह बाद नए फोरलेन से मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी
इंदौर। केन्द्र सरकार (Central Govt.) का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway), जो कि 5 राज्यों से गुजर रहा है और इसकी कुल लम्बाई 1355 किलोमीटर रहेगी। इसमें मध्यप्रदेश के हिस्से वाले 244 किलोमीटर पर आज सुबह से 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार के साथ गाडिय़ां दौडऩे लगीं। इसका सेंटर रतलाम रहेगा, वहीं 7 इंटरचेंज टोल लगाए गए हैं। इंदौर से धामनोद इंटरचेंज से इस एक्सप्रेस-वे में प्रवेश मिलेगा। मगर अगले साल मई तक जो नया फोरलेन बन रहा है, उससे सीधी कनेक्टिविटी इस एक्सप्रेस-वे पर मिल जाएगी। इसके लिए नेशनल हाईवे लगभग 3 हजार करोड़ रुपए खर्च कर फोरलेन बना रहा है।
इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे को गुजरात में दाहोद के पास एक्सप्रेस-वे से जोडऩे की मांग के साथ इंदौर-उज्जैन की भी सीधी कनेक्टिविटी रहेगी। अभी जो फोरलेन हाईवे बन रहा है, उसका निर्माण दो पैकेज में किया जा रहा है। पहला देवास से उज्जैन के लिए लगभग 42 किलोमीटर के निर्माण पर 716 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, तो दूसरे पैकेज में उज्जैन-गरोठ के बीच 136 किलोमीटर का हाईवे बनेगा और इन दोनों पर 3600 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च होगी। मई-2024 तक इस फोरलेन को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से इंदौर-उज्जैन की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी और इंदौर-गरोठ की दूरी भी 50 किलोमीटर घटकर 190 किलोमीटर ही रह जाएगी। एनएचआई रतलाम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवीन्द्र गुप्ता ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के 244 किलोमीटर के आठ लेन पर आज सुबह 8 बजे से यातायात शुरू कर दिया और 7 अलग-अलग टोल नाके भी रहेंगे। उस पर टैक्स भी ऑटोमैटिक कटेगा। इस एक्सप्रेस-वे से रतलाम के साथ-साथ मंदसौर-झाबुआ को भी सर्वाधिक फायदा हुआ है और 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई है। 120 किलोमीटर की रफ्तार से चार पहिया और अन्य बड़े वाहन दौड़ेंगे। दोपहिया से लेकर बैलगाड़ी या ट्रैक्टर सहित अन्य वाहनों का प्रवेश इस एक्सप्रेस-वे पर नहीं रहेगा। रतलाम जिले में 90, झाबुआ में 51 और मंदसौर में 102 किलोमीटर लम्बाई में ये एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है। दूसरी तरफ पिछले दिनों आउटर रिंग रोड यानि नए बायपास के लिए भी 142 किलोमीटर का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है, जिसकी मंजूरी के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस एक्सप्रेस-वे से गरोठ के अलावा सूरत, वडोदरा मुंबई के अलावा दिल्ली जाने का भी समय घटेगा।
दिल्ली की भी दूरी इंदौर से 164 किलोमीटर घट जाएगी
7 इंटरचेंज के जरिए इस एक्सप्रेस-वे में वाहनों का प्रवेश और निकास होगा। उज्जैन और इंदौर से भी इसकी कनेक्टिविटी बढऩे के बाद समय घटेगा और इंदौर से दिल्ली की दूरी 164 किलोमीटर घट जाएगी। इंदौर के लोग वडोदरा या मुंबई जाने के लिए भी इसका उपयोग कर सकेंगे। वैसे तो ये एक्सप्रेस-वे 160 किलोमीटर की रफ्तार से वाहन दौड़ाने की तकनीक से बनाया गया है। मगर अभी 120 किलोमीटर की रफ्तार ही निधारित की गई है।
हर 50 किलोमीटर पर प्रवेश औऱ निकास…
एमपी-01 जो पहला इंटरचेंज है वह गरोठ के रतनपुरा के पास बना है। वहीं दूसरा इंटरचेंज एमपी-02 शामगढ़-भानपुरा स्टेट हाईवे 7-सी से जुड़ा है, तो एमपी-03 इंटरचेंज मंदसौर के दलोदा के पास और चौथा एमपी-04 इंटरचेंज रतलाम जिले के भूतेड़ा के पास निर्मित किया गया है। इसी तरह एमपी-05 इंटरचेंज नयापुरा के पास बनाया है, जो कि लेबड़-नयागांव स्टेट हाईवे से जुड़ा है, वहीं एमपी-06 धामनोद के पास छठा इंटरचेंज है, जहां से इंदौर के वाहन भी एक्सप्रेस-वे पर आ-जा सकेंगे। इसी तरह एमपी-07 आखिरी और सातवां इंटरचेंज टीमरवानी गांव के पास बना है। कहीं पर भी वाहनों को नहीं रूकना। ऑटोमैटिक टोल टैक्स कटेगा।
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