नई दिल्ली। सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) ने चार पहिया वाहनों पर 15 फरवरी से फास्टैग (FASTag) अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही नई व्यवस्था के तहत बगैर फास्टैग के वाहनों का इंश्योरेंस (insurance) भी नहीं हो सकेगा। यह व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी। मंत्रालय ने फास्टैग पर सख्ती बरतते हुए इसको इंश्योरेंस से जोड़ने फैसला लिया है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। नए वाहनों का फास्टैग के बिना पंजीकरण नहीं होगा।
सरकार ने अब पुराने वाहनों को भी इसके दायरे में लाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत बिना फास्टैग वाले पुराने वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा। उनका थर्ड पार्टी बीमा भी नहीं हो सकेगा। इसके लिए फार्म 51 में (बीमा प्रणाम पत्र) बदलाव किए जा रहे हैं। निजी व व्यावसायिक वाहानों के आरसी, बीमा, फिटनेस, परिमट, जैसे जरूरी दस्तावेजों की सूची में जल्द ही फास्टैग शामिल होने जा रहा है। पुराने वाहनों के दस्तावेजों का नवीनीकरण बगैर फास्टैग के नहीं हो सकेगा।
परिवहन साफ्टवेयर की मदद से फास्टैग का पता लगाया जा सकेगा। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस नई व्यवस्था से 31 मार्च 2021 के बाद एक्सपायर होने वाला इंश्योरेंस दोबारा से फास्टैग के साथ होगा। इस तरह धीरे-धीरे इंश्योरेंस कराने वाले सभी पुराने वाहनों पर फास्टैग लग जाएगा।
फास्टैग से कई अन्य सुविधाओं को लिंक करने की प्रक्रिया भी मंत्रालय ने शुरू कर दी है। सबसे पहले पार्किंग का चार्ज का फास्टैग के जरिए लेने की योजना है। हैदराबाद एयरपोर्ट पर यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। वहां पर पार्किंग शुल्क फास्टैग से लिया जा रहा है। धीरे-धीरे यह सुविधा सभी महानगरों पर लागू करने की तैयारी है। जिससे लोगों को फास्टैग से कई तरह की सुविधाएं दी सकें।
सड़क परिहवन मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार भविष्य में पेट्रोल पंप पर भुगतान भी फास्टैग से किया जा सकेगा। 2017 के बाद खरीदी जाने वाली प्रत्येक गाड़ी में डीलर के यहां से फास्टैग लगकर आता है लेकिन इससे पहले की वाहनों पर फास्टैग लगाया जाना है। मौजूदा समय करीब 2.5 करोड़ से अधिक वाहनों पर फास्टैग लग चुका है।
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