भोपाल। सभी सब्जियां इन दिनों महंगी हैं। सब्जियों के राजा आलू के भी भाव बढ़े हुए हैं। इस बीच आलू के साथ मुफ्त में मिलने वाला हरा धनियां इतना भाव खा गया कि राजा के दरबार (बाजार) से गायब ही हो गया। सब्जियों में महंगाई की वजह ये बताई गई है कि इस बार औसत से कम हुई बरसात के कारण आसपास के क्षेत्र में सब्जी की पैदावार कम हुई है। वहीं दूर-दराज के क्षेत्र से मंडियों से आवक कम होने के कारण सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। इस कारण आम आदमी की रसोई का बजट गड़बड़ाया हुआ है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अभी अक्टूबर माह तक सब्जी के भाव कम होने की कोई उम्मीद नहीं है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण किए गए लॉकडाउन के बाद लोगों का काम-धंधा मंदा हो गया है और कई लोगों को तो रोजगार तक छिन गया। वर्तमान समय में लोगों को मेहनत-मजदूरी भी रोजाना नहीं मिल पा रही है। मजदूरी नहीं मिलने से गरीब और मध्यमवर्ग के लोगों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। काम धंधा नहीं मिलने और सब्जियों की महंगाई ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। 10 से 15 रुपए प्रति किलो के भाव से मिलने वाला आलू आवक कम होने के कारण इन दिनों 35 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं टमाटर 20 से 25 रुपए प्रति किलो मिलने वाला टमाटर के भाव भी सुर्ख हैं और वर्तमान में टमाटर के भाव 60 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं। हरा धनिया मंडी से गायब ही हो गया है। अगर थोड़ा बहुत आ रहा है, तो वह इतना महंगा है कि लोगों को धनिया खरीदने से पहले कई बार सोचना पड़ता है। इसके भाव 200 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच चुके हैं।
आवक कम और खप ज्यादा
बाहर की मंडियों से आवक कम होने के कारण शहर में उतनी सब्जी नहीं आ पा रही है जितनी खपत होती है। आवक कम और खपत ज्यादा होने के कारण सब्जियों के भाव बढ़े हैं और लोगों को बढ़ी हुई कीमत में भी ताजा सब्जी नहीं मिल पा रही है। इसके साथ ही क्षेत्र में बरसात नहीं होने के कारण हरी सब्जियों की पैदावार न के बराबर ही हो सकी है। इस कारण लौकी, तोरई, कद्दू की आवक कम है।
आलू और टमाटर की नहीं हो रही भरपूर आवक
ग्रामीण क्षेत्र में सब्जी की पैदावार नहीं होने और बाहर की मंडियों से आवक कम होने के कारण आलू और टमाटर के भावों में तेजी बनी हुई है। हालांकि आलू की पैदावार ग्वालियर में होने लगी है, परंतु ग्वालियर का आलू शुरुआत में बिक जाता है और बाद में आगरा से आलू की आवक शुरू होती है। परइस बार आगरा से आलू की आवक कम होने के कारण डिमांड बढ़ी है। इसके चलते व्यापारी बढ़े हुए दामों में आलू बेच रहे हैं। यही स्थिति टमाटर की है। इस बार टमाटर की आवक बहुत कम हुई है। मंडी में टमाटर की आवक कम होने से भाव आसमान पर हैं।
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