नई दिल्ली: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का काफी महत्व है. वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस साल वट सावित्री व्रत 30 मई 2022 तो रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा की जाती है.
माना जाता है कि वट वृक्ष की पूजा करने से लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन सावित्री अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लाई थी. तभी से महिलाएं इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
क्यों की जाती है वट वृक्ष की पूजा : हिंदू धर्म में वट वृक्ष का खास महत्व है. माना जाता है कि वट वृक्ष के मूल में ब्रह्मा, बीच मे विष्णु और आगे के हिस्से में शिवजी का वास होता है. यह भी माना जाता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने अपने मृत पति सत्यवान को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को फिर से जीवित किया था, तभी से इस व्रत को वट सावित्री के नाम से जाना जाता है.
वट सावित्री व्रत पूजन सामग्री लिस्ट
वट सावित्री के दिन चने का महत्व : माना जाता है कि यमराज ने सत्यवान के प्राण चने के रूप में सावित्री को वापस लौटाए थे. जिसके बाद सावित्री ने इस चने को अपने पति के मुंह में रख दिया था, जिससे सत्यवान के प्राण वापस आ गए थे. यही वजह है कि इस दिन चने का विशेष महत्व माना गया है.
वट सावित्री व्रत पूजा विधि
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