जयपुर । राजस्थान (Rajasthan) की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की बीकानेर जिले (Bikaner District) की जनसभा में उमड़ी भीड़ की धमक ने जयपुर (Jaipur) से दिल्ली तक सियासी संदेश दे दिया है। संदेश साफ है। राजस्थान की राजनीति में बीजेपी (BJP) आलाकमान को उनकी अनदेखी 2023 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में भारी पड़ सकती है। वसुंधरा राजे के शक्ति का प्रदर्शन की जयपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चा है। चर्चा इसलिए है कि संगठन की दूरी के बावजूद वसुंधरा की सभा में भीड़ उमड़ी। भीड़ ने साबित कर दिया है कि वसुंधरा राजे की जमीनी पकड़ मजबूत है। बता दें बीजेपी अभी जिस रणनीति पर चल रही है, कह पाना मुश्किल है कि सफल हो पाएगी। बीजेपी के हर हाल में सीएम चेहरा घोषित करना ही पड़ेगा। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक लगातार यही मांग करते आए है कि उन्हें सीएम चेहरा घोषित किया जाए, लेकिन पार्टी आलाकमान अभी तक यही संदेश दे रहा है कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव होगा।
राजस्थान में सीएम फेस को लेकर बीजेपी में घमासान है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसका निर्णय पार्टी आलाकमान करेगा। पूनिया का यह बयान वसुंधरा राजे समर्थकों को पंसद नहीं आ रहा है। राजस्थान की राजनीति में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत धुर वसुंधरा विरोधी माने जाते हैं।
इशारों में दिया बड़ा सियासी संदेश
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने करणी माता के दर्शन कर सफेद चूहे के दर्शन। उनका सीधा संदेश था देवी ने आशिर्वाद दे दिया है। वह आलाकमान को कोई चुनौती नहीं दे रही है, लेकिन इशारों में जता रही है कि उनके समर्थकों की सुनी जाए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि वसुंधरा राजे की अनदेखी बीजेपी को भारी पड़ सकती है। बता दें राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के बाद वसुंधरा राजे दूसरी बड़ी नेता है, जिसकी गांव-गांव में पकड़ मजबूत है। बीकानेर में शहर और देहात भाजपा संगठन इस पूरी यात्रा से दूरी बनाए हुए रहा। बावजूद उसके देशनोक और बीकानेर में जिस तरह से लोगों की मौजूदगी रही उससे कहीं न कहीं राजे पार्टी के मंच पर इस बात का मैसेज देने की कोशिश करेंगी कि आज भी राजस्थान भाजपा में भीड़ जुटाने में उनसे बड़ा कोई चेहरा नहीं है।
मेघवाल गुट ने बनाई दूरी
वसुंधरा राजे के बीकानेर दौरे के दौरान जिले के नेताओं ने दूरी बना ली, लेकिन श्रीगंगानगर से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल और चूरू सांसद राहुल कंस्वा सक्रिय रहे। बीकानेर जिले से भाजपा के तीन विधायक हैं जिनमें सिद्धि कुमारी पूरी तरह से राजे के दौरे में साथ रहीं तो वहीं नोखा से विधायक बिहारीलाल बिश्नोई अपने विधानसभा क्षेत्र मुकाम में राजे के स्वागत में नजर आए। राजे के दौरे में बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल गुट से माने जाने वाले सभी नेताओं ने कमोबेश दूरी बनाए रखी। भाजपा की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा की दूरी जिले के भाजपाइयों में चर्चा का विषय रहे।
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