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    राजस्थान के नेतृत्‍व से खुश नहीं वसुंधरा राजे, बोलीं- पीतल की लौंग क्या मिल गई, खुद को सर्राफ समझ बैठे

  • September 04, 2024

    जयपुर । भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व ने पिछले साल राजस्थान चुनाव (Rajasthan Election) के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) समेत कई दिग्गजों को दरकिनार करते हुए भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि आलाकमान का यह फैसला इतनी आसानी से राजे के गले ने उतरेगा. अब करीब साल भर बाद, वसुंधरा राजे सिंधिया ने एक ऐसी टिप्पणी की है, जिसने अफवाहों को फिर से हवा दे दी है कि राजस्थान में भाजपा नेतृत्व के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. भाजपा के दिग्गज नेता और सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर अपने गृह राज्य राजस्थान के दौरे पर मंगलवार को जयपुर पहुंचे थे.

    उनके सम्मान में राजस्थान की भाजपा इकाई ने एक भव्य अभिनंदन समारोह आयोजित किया था. इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजेंद्र राठौड़ समेत बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद थे. अभिनंदन समारोह के दौरान अपने संबोधन में वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा, ‘ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंच गए, लेकिन इनके पैर सदा जमीन पर रहते हैं. इसीलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं. वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वे खुद को सर्राफ समझ बैठते हैं.’


    जैसे ही राजे ने यह टिप्पणी की, लोगों ने उनका निशाना भांपना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने कहा कि वसुंधरा का बयान भजनलाल शर्मा पर कटाक्ष था, क्योंकि वह उनके सीएम बनने के बाद से नाराज चल रही हैं. जबकि कुछ का मानना था कि पूर्व मुख्यमंत्री का निशाना मौजूदा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ पर था. मदन राठौड़ ने हाल ही में राजे की तारीफ करते-करते उनके बारे में एक अजीब टिप्पणी की थी. पार्टी समारोह में राजे की अनुपस्थिति के बारे में बोलते हुए राठौड़ ने कहा था, “जब वह दिल्ली आईं, तो मैं खुद देख रहा था.. बड़ी अजीब सी और कमजोर सी लग रही थी थीं.’

    हालांकि यह सब अनुमान भर है, फिर भी वसुंधरा राजे पार्टी नेतृत्व को यह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि वह प्रदेश की राजनीति में अब भी अपना वजूद और साख रखती हैं. राजे ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘पीएम के करीबी माथुर ऊपर से गरम और भीतर से नरम हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिलाकर असंभव को संभव कर दिखाया. विपक्षी कुछ भी कहें, गवर्नर रबर स्टैम्प नहीं होता. जैसा घुड़सवार होगा घोड़ा वैसे ही दौड़ेगा. ओम माथुर कुशल घुड़सवार हैं, जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है.’

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