नई दिल्ली (New Delhi) । हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व (Importance) है. यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. हिंदू पंचांग में हर साल वैशाख मास के कृष्ण पक्ष के दौरान वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi ) व्रत रखा जाता है. इस बार वरुथिनी एकादशी दिनांक 16 अप्रैल दिन रविवार यानी कि आज है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी राक्षस कुल में जन्म लेकर वरुथिनी एकादशी का व्रत करता है. उसे अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि वरुथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त (auspicious time) क्या है, पूजा विधि क्या है, इस एकादशी का महत्व क्या है, व्रत का पारण समय क्या है.
जानें कब है शुभ मुहूर्त
वरुथिनी एकादशी दिनांक 16 अप्रैल दिन रविवार यानी कि आज है. इस एकदाशी की समाप्ति आज शाम 06:14 मिनट पर होगी. इसलिए इससे पहले आप भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा कर सकते हैं.
जानें क्या है एकादशी व्रत पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और मंदिर में जाकर दीप प्रज्वलित करें. व्रत संकल्प करके भगवान विष्णु की अराधना करें, साथ में मां लक्ष्मी (maa lakshmi) की पूजा अवश्य करें. इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी जरूर शामिल करें.
इस दिन बन रहे हैं शुभ संयोग
इस दिन कई शुभ योग बन रहा है. इस दिन शुक्ल योग पूरे दिन है. जो सुबह 12:13 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं इस दिन ब्रह्म योग भी रहेगा. ऐसी मान्यता है कि शुभ योगों में किए गए सभी काम शुभ फलदायी साबित होते हैं.
जानें क्या है वरुथिनी एकादशी का महत्व
इस दिन भगवान विष्णु की अराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है.
जानें क्या है व्रत पारण का समय
दिनांक 17 अप्रैल को एकादशी का पारण सुबह 05:54 मिनट से लेकर सुबह 08:29 मिनट तक है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के आधार पर पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते है.
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