वाराणसी । यूपी सरकार (UP government) की तरफ से टीकाकरण (vaccination) का काम काफी तेजी से किया जा रहा है. कई लोगों को टीका लग भी चुका है. लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Parliament Constituency Varanasi) में स्थिति ठीक नहीं है. वाराणसी के IMS-BHU में लगे कोरोना जांच की दो RT-PCR मशीनें सिर्फ BHU अस्पताल में ही भर्ती मरीजों की जांच कर रही है और वाराणसी सहित बाकी के 8 जनपदों के मरीजों की जांच को बंद कर दिया गया है. इसके पीछे वजह पिछले दो वित्तीय वर्ष के बकाया राशि 55 करोड़ के भुगतान का न होना बताया गया है.
पैसों की कमी से जूझ रहा वाराणसी का BHU
इस बारे में और जानकारी देते हुए BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो केके गुप्ता ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्षों से जब से कोविड शुरू हुआ, तभी से उनके IMS बीएचयू में माइक्रोबायोलॉजी विभाग और वीआरडीएल लैब में RT-PCR मशीनें लग गईं और करीबन 10 हजार से ज्यादा टेस्ट किए जाने लगे.
क्यों रोकी गई आरटी-पीसीआर टेस्टिंग?
केके गुप्ता ने आगे बताया कि आर्थिक सहयोग काफी कम मिल रहा था. पिछले वित्तीय वर्ष 45 करोड़ खर्च हुए जिसमें से सिर्फ 5 करोड़ रुपए आए. अब इस वित्तीय वर्ष 15 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और पूरा बकाया पेंडिंग पड़ा हुआ है. राॅ मटेरियल सप्लाई करने वाले वेंडर्स का भी भुगतान हम नहीं कर पा रहें हैं. जैसे ही हमारे पास फंड आएंगे तो हम अपनी प्रक्रिया दोबारा चालू कर पाएंगे.
उन्होंने आगे बताया कि स्टेट पॉलिसी के तहत उनको फंड आना चाहिए, लेकिन ऐसा ना होने पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. जानकारी दी गई है कि पहले रोजाना 12 हजार कोरोना जांच दोनों लैब में जाया करती थीं लेकिन अब यह 50 प्रतिशत से भी नीचे कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि जब फंड्स रिलीज कर दिए जाएंगे,तब फिर दोनों लैब पहले की तरह काम करने लगेंगी.
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