उज्जैन। शहर से 10 किमी दूर बडऩगर रोड धरमबड़ला पर 25 बीघा क्षेत्र में अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल अंतर्गत सफेद संगमरमर का नक्काशीदार 45 शिखरवाला कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ निर्मित हुआ है, जिसमें मूलनायक प्रभू अभ्युदय पाश्र्वनाथ की बैंगलुरु में ज्वेलरी स्टोन से तराशी गई। 63 इंच की प्रतिमा प्रतिष्ठित होगी। मुक्तिसागरसूरिजी की मौजूदगी में 23 दिवसीय भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव 14 जनवरी से 4 फरवरी तक आयोजित होगा, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित विभिन्न प्रदेशों के कई मंत्री व प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। साल 2012 में इस गुरुकुल की नींव रखी गई थी। 10 सालों में करीब 45 करोड़ की लागत से इसका निर्माण हुआ है।
महोत्सव के लिए 25 बीघा क्षेत्र में वाराणासी नगर बसाई जा रही है, जिसमें भव्य डोम, अस्थायी मंदिर, आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाएं रहेंगी। मुक्तिसागरसूरिजी ने मीडिया बंधुओं से चर्चा में कहा कि प्रभू पाश्व्रनाथ की महिमा के वर्णन वाले कल्याण मंदिर स्तोत्र की रचना पर आधारित विश्व का पहला अनूठा जिनालय उज्जैन में स्थापित हुआ है। बडऩगर रोड स्थित धरमबड़ला पर सफेद संगमरमर से श्री कल्याण मंदिर नवग्रह के साथ 45 शिखर युक्त नवीन मंदिर बना है। रविवार को कार्यक्रम की आमंत्रण पत्रिका का आलेखन कार्यक्रम आचार्यश्री की निश्रा में संपन्न हुआ। प्रतिष्ठा महोत्सव संरक्षक विधायक पारस जैन, चैतन्य कश्यप विधायक रतलाम, अनिल जैन कालूहेड़ा, कुशलराज गुलेछा, चेयरमेन बाबूलाल धनराज, पारसमल भंडारी सीतामऊ, गौतमचंद धींग, राजेंद्र मूणत मैनेजिंग ट्रस्टी विजय सुराणा, सुभाषचंद्र दुग्गड़, आदि ने श्वेतांबर जैन समाजजनों से महोत्सव में शामिल होकर धर्मलाभ लेने का अनुरोध किया है।
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