इंदौर। 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। आज भी 45 शहरी स्कूलों में वैक्सीनेशन कैम्प लगाए गए हैं। लगभग दो लाख बच्चों को वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 1 लाख 65 हजार को तो वैक्सीन लग चुके हैं, मगर अब स्कूल छोड़ चुके या परिवर्तित या अन्य श्रेणी के बच्चे बचे हुए हैं, उनकी खोजबीन कर वैक्सीन वैन घर भिजवाकर उन्हें वैक्सीन लगाएगी।
बच्चों को कोवैक्सीन के डोज लगाए जा रहे हैं, ताकि दूसरा डोज भी 28 दिन बाद लगाकर इन बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। 15 से 18 साल की उम्र के इन बच्चों का वैक्सीनेशन 3 जनवरी से शुरू हुआ और 3 से 4 दिन में ही 1 लाख से अधिक बच्चों ने वैक्सीन लगवा ली। अभी भी लगातार वैक्सीनेशन चल रहा है और आज भी 45 स्कूलों में ये वैक्सीन डोज लगाए जा रहे हैं। दरअसल अधिकांश स्कूल जा रहे बच्चों ने तो अपने-अपने स्कूलों में जाकर फटाफट वैक्सीन लगवा ली। अब स्कूल छोड़ चुके या अन्य बच्चे बचे हैं, जिनकी तलाश भी स्कूलों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। नगर निगम द्वारा 20 से अधिक मोबाइल वैन वैक्सीनेशन के लिए लगातार चलाई जा रही है, लिहाजा स्कूलों के प्रिंसिपल को कहा गया है कि वे ऐसे बच्चों की तलाश करवाएं और उनके घर वैन भिजवाकर वैक्सीन लगवाएं।