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    CHL के पास का बेशकीमती प्लॉट होटल के लिए उपयोग नहीं करने पर निरस्त, लेकिन अवैध हॉस्पिटल की संपत्ति फ्री होल्ड

  • May 26, 2022

    इंदौर।  सीएचएल हॉस्पिटल (CHL Hospital) के जिस भवन और भूखंड को लीज नियम (Lease Rules) उल्लंघन के बावजूद फ्री होल्ड (Free Hold) कर दिया गया, उसी हॉस्पिटल (Hospital) के समीप स्थित किसी दूसरी कंपनी के अरबों रुपए के एक भूखंड की लीज हाउसिंग बोर्ड (Housing Board)  ने इसलिए निरस्त कर दी कि उस भूखंड का आवंटन होटल इंडोटेल विस्तार के लिए किया गया था और चूंकि सीएचएल (CHL) ने होटल की जगह हॉस्पिटल खोल लिया और उस भूखंड का उपयोग होटल के लिए नहीं किया जा सका, इसलिए उक्त भूखंड की लीज निरस्त कर दी। हैरत की बात है कि लीज शर्तों के अनुसार होटल उपयोग नहीं करने पर लीज निरस्ती करने वाले उसी हाउसिंग बोर्ड ने होटल की जगह हॉस्पिटल चलाने वाले सीएचएल को मात्र 86 लाख रुपए में भूखंड और भवन का स्वामित्व सौंप डाला।


    हाउसिंग बोर्ड (Housing Board) द्वारा बनाए गए होटल सुहाग के भूखंड और भवन की लीज इंडोटेल होटल को किए जाने के बाद वहां समीप 2838 वर्गमीटर, यानी 32 हजार स्क्वेयर फीट के एक खाली पड़े भूखंड को होटल विस्तार के लिए होटल इंडोटेल के संचालकों ने हाउसिंग बोर्ड से मांगा, जिस पर हाउसिंग बोर्ड ने होटल विस्तार के लिए होटल इंडोटेल की सहयोगी कंपनी अपोजी इंटरनेशनल के पक्ष में उक्त भूखंड का आवंटन करते हुए 26 अप्रैल 2002 को लीज डीड पंजीकृत कराई गई। हालांकि उक्त लीज डीड में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं था कि उक्त भूखंड का उपयोग होटल के लिए किया जाएगा, लेकिन पत्र क्रमांक 3906 दिनांक 19 जून 2007 को हाउसिंग बोर्ड ने अपोजी इंटरनेशनल को नोटिस देते हुए कहा कि आपको उक्त खुली भूमि का आवंटन इस शर्त पर किया गया था कि इस भूमि का उपयोग होटल की उपयोगिता बढ़ाने संबंधित कार्यों के लिए ही किया जाएगा, परन्तु आपके द्वारा होटल को बेचने के उपरांत होटल के स्थान पर एक अस्पताल संचालित किया जा रहा है। इस प्रकार जिस उद्देश्य से उक्त खुली भूमि को लीज पर आवंटित किया गया था, वह सारहीन एवं निष्फल हो गया है। इस प्रकार आपके द्वारा लीज शर्तों का उल्लंघन किया गया है, इसलिए आपके पक्ष में की गई उक्त भूमि की लीज डीड निरस्त की जाती है। उक्त आधार पर हाउसिंग बोर्ड ने अपोजी इंटरनेशनल की लीज डीड न केवल निरस्त कर दी, बल्कि उनके द्वारा जमा की गई रकम भी राजसात कर ली। आश्चर्य इस बात का है कि जिस खुले भूखंड की लीज डीड इस कारण से निरस्त की गई कि उस पर होटल उपयोग के लिए आवंटित भवन एवं भूखंड में जो हॉस्पिटल (Hospital) चलाया जा रहा है, उस हॉस्पिटल की संपत्ति को हाउसिंग बोर्ड ने मात्र 86 लाख रुपए में फ्री होल्ड कर दिया, जबकि अपोजी इंटरनेशनल को आवंटित प्लॉट की निरस्ती के पूर्व सीएचएल हॉस्पिटल को नोटिस देकर भवन एवं भूखंड का कब्जा लिया जाना था, ताकि वहां फिर से होटल खोलकर खुले भूखंड पर भी होटल संचालित कराया जा सकता, लेकिन उक्त भूखंड की लीज को जिस आधार पर निरस्त किया गया, उसी लीज के उल्लंघन के बावजूद 200 करोड़ की होटल संपत्ति को हॉस्पिटल में परिवर्तित किए जाने के बावजूद फ्री होल्ड कर दिया गया।


    जब विस्तार के लिए दिया प्लॉट निरस्त तो मूल भवन और भूखंड फ्री होल्ड कैसे
    हाउसिंग बोर्ड (Housing Board)  ने अपने नोटिस में कहा कि उक्त भूखंड का आवंटन होटल इंडोटेल की उपयोगिता बढ़ाने संबंधी कार्यों के लिए किया गया था और होटल के स्थान पर एक अस्पताल संचालित किया जा रहा है, इसलिए आपके द्वारा पट्टों की शर्तों का उल्लंघन किए जाने के कारण उक्त खुली भूमि का आवंटन निरस्त किया जाता है। हाउसिंग बोर्ड ने इस नोटिस के साथ होटल के स्थान पर संचालित किए जा रहे अस्पताल के संदर्भ में कोई आपत्ति नहीं जताई, जबकि होटल इंडोटेल को आवंटित मूल लीज डीड की शर्त क्रमांक 7 में स्पष्ट लिखा था कि उक्त संपत्ति का उपयोग केवल होटल व्यवसाय या होटल बिल्डिंग के लिए ही किया जा सकेगा। उक्त भूखंड की सेल डीड में स्पष्ट लिखा है कि लीजदाता और लीजगृहिता इस बात के लिए सहमत हैं कि उक्त होटल बिल्डिंग का पंजीयन किया जा रहा है। सेल डीड के क्रमांक 5 में भी स्पष्ट उल्लेख है कि लीजगृहिता उक्त भवन का उपयोग केवल होटल व्यवसाय के लिए करेगा और उसे किसी अन्य कार्य को करने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन इसके बावजूद लीज डीड का उल्लंघन करने पर भी प्लॉट का आवंटन निरस्त करने के बजाय फ्री होल्ड कर दिया गया।


    दो सौ करोड़ के घोटाले में पूरा हाउसिंग बोर्ड लिप्त
    एबी रोड स्थित 50 हजार स्क्वेयर फीट भूमि पर निर्मित 1 लाख स्क्वेयर फीट के भवन को फ्री होल्ड करने के लिए सीएचएल हॉस्पिटल (CHL Hospital)  के संचालकों सहित पूरा हाउसिंग बोर्ड लिप्त रहा। जिस भूमि एवं भवन को होटल संचालित करने के लिए आवंटित किया गया था, उसे इंडोटेल होटल के संचालकों द्वारा विक्रय किए जाने के बाद उसके नामांतरण के लिए आवेदन के उपरांत 23 दिसंबर 2000 को किए गए अनुबंध को कन्वीनेंट होटल्स लिमिटेड द्वारा पंजीकृत कराया गया, जिसमें से हाउसिंग बोर्ड (Housing Board) के तत्कालीन पदाधिकारियों ने कमर्शियल उपयोग की शर्त को जोड़ दिया। इसके बाद 23-4-2001 को होटल संचालकों ने संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से होटल उपयोग के स्थान पर हॉस्पिटल उपयोग के लिए अनापत्ति मांगी, जबकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को उक्त अनापत्ति देने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने अपने पत्र में लिखा कि उक्त भवन में होटल के स्थान पर हॉस्पिटल उपयोग करने हेतु हाउसिंग बोर्ड की अनुमति आवश्यक होगी। इसके बाद हॉस्पिटल (Hospital) संचालकों ने उक्त भूखंड फ्री होल्ड करने का आवेदन देकर मात्र 86 लाख रुपए में भवन का स्वामित्व हासिल कर लिया।

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