नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में डीपफेक तकनीक (Deepfake technology) से रोमांस स्कैम (Romance Scam) के मामले बढ़े हैं। इस वर्ष 66 प्रतिशत भारतीय (66 percent Indians) ऑनलाइन डेटिंग एप (online dating apps) का शिकार हुए हैं। जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 43 प्रतिशत था। ऑनलाइन डेटिंग ट्रेंड को लेकर कंप्यूटर सिक्योरिटी कंपनी एमएसआई-एसीआई की ओर से किए गए शोध में 7 देशों के 7,000 लोगों को शामिल किया गया। शोध के मुताबिक, देश में 66 प्रतिशत लोग ऑनलाइन डेटिंग स्कैम का शिकार हुए हैं। वहीं, 2023 में एआई वॉयस स्कैम में फंसे 83 प्रतिशत लोगों ने अपना पैसा गंवाया।
एक्सपोजर मैनेजमेंट कंपनी टेनेबल की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, हाल के सालों में ऑनलाइन डेटिंग एप में बड़ा बदलाव आया है। इसमें पारंपरिक रणनीति को जेनरेटिव एआई और डीपफेक जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ मिलाया गया है। शोध के मुताबिक, 69 प्रतिशत से अधिक भारतीयों ने कहा कि वे एआई और किसी व्यक्ति की वास्तविक आवाज के बीच अंतर नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि एआई-जेनरेटेड डीपफेक इतनी सटीकता से काम करती है कि आप असली और नकली की पहचान ही नहीं कर सकते।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ये स्कैम अकसर फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों पर शुरू होते हैं। इसके अलावा 39 प्रतिशत उपभोक्ता रोमांस स्कैम का शिकार हुए हैं, जबकि 26 प्रतिशत अनजाने में एआई बॉट्स से बातचीत कर चुके हैं। ये सभी आंकड़े ऑनलाइन डेटिंग में मौजूद वल्नेरेबिलिटी और फ्रॉड के जोखिम को बताते हैं। रिसर्च में शामिल 65 फीसदी भारतीयों के मुताबिक, उन्होंने एआई का इस्तेमाल ऑनलाइन पार्टनर खोजने के लिए किया। उन्होंने बताया कि वे चैटजीपीटी जैसे एआई का इस्तेमाल डेटिंग एप के लिए कंटेंट बनाने में कर रहे हैं। इसमें 56 प्रतिशत वैलेंटाइन डे पर एआई की मदद से संदेश लिख रहे हैं।
सावधानी जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है। उपभोक्ता कि अगर किसी से ऑनलाइन दोस्ती हुई है, तो उसके भेजे लिंक पर क्लिक न करें। अगर किसी तस्वीर पर शंका होती है, तो दोबारा जरूर उसकी जांच करें। अगर आप किसी शख्स से मिले नहीं हैं, तो उसके लिए तोहफे खरीदने में पैसे बर्बाद न करें। किसी भी प्रोफाइल या शख्स पर शक होता है, तो आप अपने दोस्तों से इस बारे में बात करें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved