साल 2021 में वैशाख माह 28 अप्रैल यानी आज से शुरू हो रहा है और 26 मई तक चलेगा। आपको बता दें कि वैशाख माह (Vaishakh month) हिंदू कैलेंडर (पंचांग) के अनुसार वैसाख दूसरा महीना है। वैशाख माह भगवान विष्णु (Lord vishnu) का सबसे प्रिय माह माना जाता है। इसी कारण यह माह बेहद ही शुभ (good) होता है। ऋषि नारद के अनुसार तीन यानी कार्तिक, माघ और वैशाख माह को सर्वोच्च माह बताया गया है। वैसाख स्नान या वैशाख स्नानम इस माह के दौरान किए जाते हैं। मान्यता है कि वैशाख मास में पिछले जन्मों के पापों को दूर करने और भक्त को उसके बुरे कर्मों के परिणाम से मुक्त करने की पवित्रता है। जहां वैसाख माह उत्तर भारतीय कैलेंडर में दूसरा महीना है। वहीं, गुजराती कैलेंडर में, यह सातवां महीना है। बंगाली और उड़िया कैलेंडर में, वैसाख महीना या बैसाख पहला महीना होता है। तो आइए जानते हैं महर्षि नारद (Maharishi Narada) के अनुसार वैशाख माह का महत्व।
महर्षि नारद के अनुसार वैशाख माह का महत्व:
नारद जी के अनुसार, इस माह को ब्रह्मा जी (Lord Brahma) ने सभी माह में सबसे श्रेष्ठ बताया है। यह भी कहा जाता है कि इस माह में सभी जीनों को मनाचाहा फल प्राप्त होता है। नारद जी के अनुसार यह माह धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार है। यह माह सभी देवताओं (gods) द्वारा पूजित भी है। नारद जी ने वैशाख माह का महत्व बताते हुए कहा है कि जिस तरह विद्याओं में वेद, मन्त्रों में प्रणव अक्षर यानी ऊं, देवताओं में विष्णु, नदियों में गंगा, तेजों में सूर्य, पेड-पौधों (Trees and plants) में कल्पवृक्ष, कामधेनु, शस्त्रों में चक्र, धातुओं में सोना (Gold) और रत्नों में कौस्तुभमणि है। उसी तरह अन्य महीनों में वैशाख मास सबसे उत्तम है। इस महीने तीर्थ स्नान और दान से जाने-अनजाने में किए गए पाप खत्म हो जाते हैं।
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