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लागू होते ही ‘वाहन पोर्टल’ फेल…

August 04, 2022

इंदौर :  200 में से केवल 8 डीलर्स तीन दिन में सिर्फ 15 गाडिय़ां ही कर पाए रजिस्टर्ड

प्रदेश में 3 हजार डीलर्स, सिर्फ 68 कर पाए 239 गाडिय़ां रजिस्टर्ड

इंदौर। प्रदेश में बिना तैयारी के लागू किया गया केंद्र सरकार का वाहन पोर्टल (vehicle portal) लागू करते ही फेल साबित हुआ है। नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन (registration of vehicles) से लेकर पुराने वाहनों के ट्रांसफर (transfer) सहित अन्य कामों को सेंट्रल सर्वर से जोडऩे के लिए बनाए गए इस पोर्टल के लागू होने के तीन दिनों में ही पूरे प्रदेश के डीलर्स परेशान हैं। पिछले तीन दिनों में इंदौर से 200 में से सिर्फ 8 डीलर्स महज 15 गाडिय़ां रजिस्टर्ड कर पाए हैं। पहले जहां आरटीओ में अक्सर परेशान आवेदकों की भीड़ नजर आती थी, वहीं अब परेशान डीलर्स की भीड़ नजर आ रही है, वहीं आरटीओ के अधिकारी-कर्मचारी खुद परेशान हैं।

1 अगस्त से प्रदेश में लागू किए गए वाहन पोर्टल के माध्यम से सभी वाहन डीलर्स को वाहन रजिस्टर्ड करने के निर्देश पूरे प्रदेश में दिए गए हैं, लेकिन इस पोर्टल पर कई तरह की परेशानियां डीलर्स को उठानी पड़ रही है। इनके कारण चाहते हुए भी वाहनों की बिक्री नहीं हो पा रही है। इससे नए वाहन खरीदने वाले लोग भी खासे परेशान हैं। ये कहानी परिवहन विभाग के आंकड़े ही बता रहे हैं। कल शाम तक की स्थिति में इंदौर में 200 में से सिर्फ 8 डीलर्स तीन दिनों में 15 गाडिय़ां इस सिस्टम से रजिस्टर्ड कर पाए थे, जबकि पहले इंदौर में रोजाना 300 गाडिय़ां बिकती और रजिस्टर्ड होती थीं।

जबकि प्रदेश में रोजाना चार हजार से ज्यादा गाडिय़ां रजिस्टर्ड होती थीं…

परिवहन विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक ही इस सिस्टम के फेल होने की बात सामने आ रही है। प्रदेश में तीन हजार से ज्यादा वाहन डीलर्स हैं। कल शाम तक इनमें से सिर्फ 68 वाहन डीलर्स कुल 239 गाडिय़ों को रजिस्टर्ड कर पाए थे, जबकि प्रदेश में रोजाना चार हजार से ज्यादा गाडिय़ां रजिस्टर्ड होती थीं।

नए वाहन खरीदने वाले हो रहे परेशान

नए सिस्टम को बिना ट्रायल के लागू किए जाने से सबसे ज्यादा परेशानी नए वाहन खरीदने वाले लोगों के साथ आ चुकी है। पहले की ही तरह सैकड़ों लोग रोजाना वाहन शोरूमों पर जाकर वाहन खरीदना चाह रहे हैं, लेकिन वाहन ना मिल पाने के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।

बीमा कंपनियों ने तुरंत डेटा अपडेट होने से किया इनकार

डीलर्स और अधिकारियों ने बताया कि नए सिस्टम में कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। जैसे इसमें अक्सर डीलर्स की ही कई जानकारियों को सिस्टम स्वीकार नहीं कर रहा है। इसके बाद इसमें शामिल किए गए वाहन के बीमे की ऑनलाइन व्यवस्था को लेकर बीमा कंपनियां ही तैयार नहीं है। पहले जहां कहा गया था कि वाहन रजिस्टर्ड करते वक्त सीधे इंश्योरेंस रेग्युलेटरी डेवलपमेंट अथोरिटी (आईआरडीए) के माध्यम से ऑनलाइन बीमा हो जाएगा, जो सिस्टम में दर्ज होगा, लेकिन बीमा कंपनियों का कहना है कि बीमा सिस्टम में अपडेट होने में दो दिनों का समय लग रहा है। ऐसी स्थिति में वाहन का तुरंत रजिस्टर्ड होना मुश्किल हो गया है।

जहां ट्रायल किया वहां भी सपोर्ट के लिए कोई नहीं

अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था को 19 जुलाई से विदिशा में ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया था। ट्रायल के दौरान ही वहां कई परेशानियां सामने आई थीं, जो अब भी जारी है, लेकिन जैसे पहले स्मार्टचीप कंपनी का स्टाफ परेशानियों को दूर करने के लिए उपस्थित रहता था, वैसे अब किसी से कोई मदद ही नहीं मिल पा रही है। दूसरी ओर परिवहन मुख्यालय ने आदेश जारी करते हुए सख्ती से कहा है कि अब स्मार्टचीप के सर्वर से वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होना चाहिए, अन्यथा ऐसे डीलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यालय से कर रहे हैं चर्चा

वाहन पोर्टल के माध्यम से वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर कई तरह की परेशानियां डीलर्स द्वारा बताई जा रही हैं। डीलर चाहकर भी वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं और वाहन बेचने में परेशानी आ रही है। स्थानीय स्तर पर स्टाफ को भी इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए परिवहन मुख्यालय को सारी परेशानियों की जानकारी दी है। उम्मीद है कि जल्द ही परेशानियों को दूर किया जाएगा।

– जितेंद्र सिंह रघुवंशी, आरटीओ इंदौर

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