नई दिल्ली । पूरी दुनिया में कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से एक बार फिर घबराहट बढ़ गई है. नए स्ट्रेन की वजह से अब कोरोना की वैक्सीन को लेकर लोगों की बेताबी भी काफी तेज होती जा रही है. इसी बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawala) ने दावा किया कि उनकी कंपनी जितनी भी वैक्सीन डोज बनाएगी, उसका आधा हिस्सा भारत के लिए ही होगा.
पूनावाला ने बातचीत के दौरान बताया कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन को यूके में 2021 की शुरुआत में इस्तेमाल के लिए लाइसेंस मिलने की उम्मीद है. यह पूछे जाने पर कि क्या यूके में अभी भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर कोई चिंता की बात है जिस वजह से वैक्सीन को अभी तक अप्रूवल नहीं मिला है, पूनावाला ने कहा कि किसी तरह की कोई चिंता की बात बिल्कुल नहीं है, हमें बस एक नए साल और कुछ अच्छी खबरों का इंतजार करना चाहिए.
पूनावाला ने आगे कहा, “सभी डेटा हमारे द्वारा भारत और यूके में नियामकों के पास सबमिट कर दिए गए हैं. हमें यकीन है कि डेटा वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता दिखाते हैं. पहली डोज और दूसरी डोज के बीच एक गैप है. भारतीय दवा नियामक भी कई कंपनियां को देख रहे हैं जो कोविड- 19 वैक्सीन विकसित कर रही हैं.”
पूनावाला ने कहा, “इससे पहले, बहुत से लोग इस बात पर बहस कर रहे थे कि हम इस (वैक्सीन) रेस में क्यों पड़ रहे हैं, अब उल्टे सवाल पूछे जा रहे हैं. भारत की ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी पहले से ही अच्छा काम कर रही है.” बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भारत में वैक्सीन, कोविशील्ड के निर्माण के लिए एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी की है.
इस दौरान अदार पूनावाला ने यह भी कहा कि 2021 के पहले छह महीनों में वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की कमी भी देखी जाएगी. उन्होंने कहा, “कोई भी इस मामले में मदद नहीं कर सकता है. लेकिन हम अगस्त-सितंबर 2021 तक थोड़ी राहत देखेंगे क्योंकि अन्य वैक्सीन निर्माणकर्ता भी आपूर्ति करने में सक्षम हो जाएंगे.”
पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड की 4-5 करोड़ खुराक का भंडारण किया गया है. उन्होंने कहा कि एक बार जब उन्हें मंजूरी मिल जाती है, तो यह सरकार को तय करना होगा कि वे कितनी वैक्सीन ले सकते हैं और कितनी तेजी से. इसके साथ ही SII प्रमुख ने दावा किया, “हम जुलाई 2021 तक लगभग 30 करोड़ खुराक का उत्पादन करेंगे.”
पूनावाल ने वैक्सीन की भारत में उपलब्धता से जुड़ा एक बड़ा दावा करते हुए आगे कहा, “हम जो भी बनाएंगे उसका 50 प्रतिशत हिस्सा भारत को और बाकी का हिस्सा ‘कोवाक्स’ को देते रहेंगे.” उन्होंने कहा, “भारत में इतनी बड़ी आबादी है कि हम शायद भारत को सबसे पहले उन 5 करोड़ खुराकों को दे देंगे.”
यहां बता दें कि वैक्सीन की मारामारी और असमंजस की स्थिति को खत्म करने के लिए ‘कोवाक्स प्लान’ बनाया गया है, जिसका संचालन गावी (GAVI) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कर रहे हैं. ताकि दुनिया के सभी देशों तक कोरोना वैक्सीन का निष्पक्ष वितरण हो सके.
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