नई दिल्ली। कोरोना टीकाकरण की नीति में बदलाव करने के पहले दिन ही यानी सोमवार को पुराने सारे रिकॉर्ड टूट गए। सोमवार को 85 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया गया, लेकिन राज्यों के लिए यह रिकॉर्ड आगे बनाए रखना मुश्किल होगा। कई राज्यों ने स्वीकार किया कि अगर उन्हें केंद्र सरकार से नियमित वैक्सीन मिलती रहेंगी, तो वे तेजी से टीकाकरण जारी रखेंगे, लेकिन अगर वैक्सीन नहीं मिलती है, तो टीकाकरण फिर से धीमा पड़ सकता है।
कोविन पोर्टल पर उपलब्ध रात 12.30 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में सोमवार को 85 लाख 15 हजार 765 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इससे पहले, 5 अप्रैल को 43 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी।
कोविड टीकाकरण अभियान की इस गति को आगे भी बनाए रखने के लिए आगामी नौ दिन में करीब 7.2 करोड़ वैक्सीन की आवश्यकता होगी, लेकिन कई राज्यों के पास कोरोना वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। केंद्र सरकार कोविड वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया में है, लेकिन समय पर पर्याप्त टीकों की आपूर्ति हो पाएगी, इस पर राज्यों को संदेह है।
इन राज्यों में शुरू नहीं हुआ वैक्सीनेशन का नया चरण
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश समेत गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों ने वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट था कि केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारें कोविड टीकाकरण अभियान के नए चरण को सफल बनाना चाहती थीं। हालांकि, इस गति को आगे भी जारी रख पाएंगी, यह वैक्सीन के स्टॉक पर निर्भर करता है।
134 देशों की आबादी के बराबर लोगों को लगी वैक्सीन
देश में सोमवार को जितने लोगों को टीका लगाया गया, उससे कम कम आबादी वाले दुनिया में 134 देश हैं। इनमें हांगकांग, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, कुवैत, नार्वे और फिनलैंड जैसे देश शामिल हैं। भारत में एक दिन में इस्राइल और स्विटजरलैंड की आबादी के लगभग लोगों को टीका लगाया गया है।
अमेरिका को छोड़ा पीछे
भारत ने इस मामले में अमेरिका को भी काफी पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका में अब तक एक दिन में सर्वाधिक 40 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। यह रिकॉर्ड 4 अप्रैल को दर्ज हुआ था। ऑस्ट्रेलिया में अब तक कुल 6.87 लाख डोज लगे हैं। इससे करीब डेढ़ गुना भारत में एक दिन में ही लगा दिए गए।
शीर्ष आठ राज्यों में कितनों को मिली दूसरी डोज?
महा रिकॉर्ड में शीर्ष पर रहे ये तीन राज्य
मध्यप्रदेश: 16 लाख 73 हजार 858
कर्नाटक: 11 लाख 560
उत्तर प्रदेश: 7 लाख 5 हजार 185
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