उज्जैन। शहर में कोरोना संक्रमण दिन प्रतिदिन अपने पैर पसार रहा है और कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या में रोज इजाफा होता जा रहा है। इन सबके बीच महाकालेश्वर मंदिर में रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं लेकिन मंदिर प्रशासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते मंदिर में प्रवेश करने पर श्रद्धालुओं से ना तो कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है और ना ही कोरोना संक्रमण की कोई जांच की जा रही है। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मंदिर के हर एक द्वार पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है और मंदिर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लोगों की जांच भी कर रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि मंदिर में दर्शनार्थी बे रोक टोक मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। मंदिर के प्रवेश गेट पर मंदिर प्रशासन ने बैनर लगा रखा है जिसमें लिखा है कि मंदिर में प्रवेश करने वाले दर्शनार्थी पहले अपने कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दिखाएं, उसके बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। यह बोर्ड सिर्फ औपचारिकता के लिए लगा रखा है। दर्शनार्थियों से प्रवेश गेट पर किस तरह की कोई पूछताछ और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन नहीं किया जा रहा है और ना ही किसी भी श्रद्धालुओं की कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि मंदिर में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति प्रवेश करके कोरोना संक्रमण मंदिर प्रांगण में फैलाता है तब उसका गंभीर खामियाजा मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं एवं मंदिर कर्मचारियों को भुगतना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए है कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश फिरोजाबाद के व्यक्ति द्वारा उज्जैन आने पर कोरोना टेस्ट करवाया गया बाद उस व्यक्ति ने मंदिर में दर्शन किए जिसके उपरांत वह फिरोजाबाद लौट गया लेकिन कोरोना की टेस्टिंग रिपोर्ट में उक्त व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया जिसके चलते महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन की व्यवस्था पर कई सवालिया निशान लग गए थे। बहरहाल उज्जैन में कोरोना रोज उज्जैन में नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वहीं महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी करके श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश देने पर कोरोना संक्रमण के मंदिर में फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved