नई दिल्ली । वास्तुशास्त्र (Vaastu Shaastra) में घर की हर दिशा (Direction) का संबंध किसी न किसी देवता (God) से बताया गया है. उस दिशा में उनसे संबंधित वस्तुएं रखने या क्रियाकलाप करने से सकारात्मकता बढ़ती है. घर में वास्तु अनुसार चीजों को व्यवस्थित नहीं करने से वास्तु दोष (Vastu Dosh) होता है, जिससे नकारात्मकता बढ़ती है, जो हमारी उन्नति में बाधक होती है. वास्तुशास्त्र में एनर्जी (Energy) को महत्व दिया जाता है. यह देखते हैं कि घर में पॉजिटिव एनर्जी अधिक से अधिक हो, निगेटिव एनर्जी को घर में आने से रोका जाए. निगेटिव एनर्जी हमारी आय, सेहत, रिश्ते आदि सबको प्रभावित करती है. आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार घर की किस दिशा का संबंध किस देवता से है.
घर की दिशा और उसके देवता
पूर्व दिशा
घर में पूर्व दिशा को इंद्र और सूर्य देव का अधिपति माना जाता है. इस दिशा को खाली रखना चाहिए और यहां पर सूर्य की प्रकाश आना चाहिए. यह सुख समृद्धि के लिए जरूरी माना जाता है. पूर्व दिशा के स्वामी ग्रह सूर्य हैं.
पश्चिम दिशा
घर में पश्चिम दिशा के देव वरुण देव हैं. इस दिशा में आप बाथरूम या किचन भी बनवा सकते हैं. वरुण देव को जल तत्व का प्रतीक माना जाता है. पश्चिम दिशा के स्वामी ग्रह शनि हैं.
उत्तर दिशा
घर में उत्तर दिशा का संबंध कुबेर देव से है. यह धन लाभ की दिशा है. इस दिशा में आलमारी, तिजोरी रखना उत्तम माना जाता है. इससे धन में वृद्धि होती है. उत्तर दिशा के स्वामी ग्रह बुध हैं.
दक्षिण दिशा
घर में दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज को माना जाता है. यह मृत्यु के देवता हैं. इस दिशा में भारी सामान रख सकते हैं. इस दिशा को कभी खाली न रखें. दक्षिण दिशा के स्वामी ग्रह मंगल हैं.
ईशान कोण
घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोण को ईशान कोण कहते हैं. इस दिशा के अधिपति देव भगवान शिव हैं और स्वामी ग्रह गुरु हैं. ईशान कोण में पूजा घर बनवाना अच्छा माना जाता है.
वायव्य कोण
घर के पश्चिम-उत्तर दिशा के कोण को वायव्य कोण कहते हैं. वायव्य कोण के देवता वायु देव हैं. वायव्य कोण में स्टोर रूम, शौचालय, बाथरूम आदि बनवाना अच्छा होता है. वायव्य कोण के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं.
नैऋत्य कोण
वास्तु अनुसार, घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा के देव निरती हैं. इस दिशा का तत्व पृथ्वी है. ऐसे में आप नैऋत्य कोण में मिट्टी से बनी वस्तुओं को रख सकते हैं. नैऋत्य कोण का स्वामी ग्रह राहु है.
आग्नेय कोण
घर के दक्षिण-पूर्व कोण को आग्नेय कोण कहते हैं, जिसका संबंध अग्नि तत्व से होता है. इस दिशा में आप इलेक्टॉनिक के सामान रख सकते हैं या फिर किचन बनवा सकते हैं. इस दिशा के स्वामी शुक्र देव हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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