उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा-बारकोट सुरंग हादसे में पिछले 17 दिनों से फंसे मजदूरों को मंगलवार शाम सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. अंदर फंसे मजदूरों में मनजीत भी शामिल था, जो कि सभी साथी मजदूरों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकल आया है. मनजीत ने बताया कि हम सब अंदर आराम से एक फॅमिली के तरह रह रहे थे. कोई टेंशन नहीं थी. अंदर खाना-पीना सब समय पर मिलता रहा. मनजीत के बाहर निकलते ही उनके परिजन भावुक हो उठे. पिता ने मनजीत को गले लगाते हुए माथे पर चूमा. साथ ही घरवालों से भी बात हुई. उन्होंने सबको बताया की हम लोग स्वस्थ हैं और अंदर फंसे सभी मजदूरों का स्वास्थ्य भी ठीक है. किसी को एमरजेंसी की जरुरत नहीं पड़ी.
बता दें, सभी मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने को लेकर देश के अलग-अलग धार्मिक स्थानों पर पूजा-अर्चना का दौर जारी था. वहीं उनके परिजन भी लगातार अपनो की सुरक्षा के लिए दुआ कर रहे थे. रेस्क्यू टीम के द्वारा पिछले 17 दिनों से चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उन्हें कामयाबी हाथ लगी और मंगलवार शाम को सही सलामत निकाल लिया गया.
सिलक्यारा-बारकोट सुरंग हादसे में फंसे सभी 41 मजदूरों को बाहर निकालने के बाद उन्हें चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे की चिकित्सा निगरानी में रखा गया है. अस्पताल में 41 बिस्तरों का एक अलग सेक्शन बनाया गया है. सभी मजदूर अपने-अपने बेड पर भोजन कर रहे है और उनका स्वास्थ्य भी ठीक है.
कोटद्वार के गब्बर सिंह नेगी के घर में खुशी
कोटद्वार के रहने वाले सुपरवाइजर गबर सिंह नेगी भी पिछले 17 दिनों से टनल के भीतर फसें हुए थे. उनके घर पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा. उनकी पत्नी यशोधा देवी, मां, दोनों बच्चे समेत पूरा परिवार पल-पल की अपडेट ले रहा था. जैसे ही सभी मजदूरों के सकुशल बाहर निकलने की जानकारी उन्हें लगी, तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. उनकी पत्नी ने कहा कि इस बीच वो काफी टेंशन में रही, लेकिन दो दिन से उनकी अपने पति से बात हो रही थी. जिसके बाद से उन्हें थोड़ी तसल्ली मिलती रही. अब उनके टनल से बाहर निकलने पर पूरा परिवार बेहद खुश है.
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