देहरादून (Dehradun) । उत्तराखंड (Uttarakhand) में चारों ओर जंगल जलने की घटनाएं (forest fire incidents) हो रही हैं। तेज गर्मी और हवाओं के चलते गढ़वाल और कुमाऊं में कई जगह जंगल धधके हुए हैं। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में 54 जगह जंगलों में आग लगी। जिसमें 76 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जले हैं। वहीं अब तक 146 लोगों के खिलाफ प्रदेश भर में जंगल जलाने के केस दर्ज किए गए हैं।
जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है। अब तक प्रदेश में 656 हेक्टेयर जंगल जल गए हैं। जबिक सीजन में अब तक 544 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। एपीसीसीएफ फारेस्ट फायर निशांत वर्मा ने बताया कि सभी डिवीजनों व पार्कों में हाई अलर्ट किया गया है।
कर्मचारियों व अधिकारियों को चौबीस घंटे फील्ड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। बेहद जरूरी ना होने पर सभी की छुट्टियों पर रोक लगाई गई है। कंट्रोल बर्निंग सहित तमाम सुरक्षा उपाए किए जा रहे हैं। निशांत वर्मा के अनुसार अब तक 17 लोगों को जंगलों में आग लगाने पर नामजद किया गया है।
जबकि 129 मामलों में अज्ञात के खिलाफ वन अधिनियम में केस किए गए हैं। एफएसआई से फायर अलर्ट मिलते ही तत्काल संबंधित डिवीजन के अधिकारी मौके पर जाकर आग बुझाने में जुट रहे हैं। तीन दिन पहले 24 घंटे में 52 जगह जंगल जलने का रिकार्ड आंकड़ा दर्ज हुआ था।
पीआरडी, होमगार्ड तैनात करें आयुक्त
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में अधिक से अधिक फायर वाचर की तैनात करने के साथ ही पीआरडी व होमगार्ड तैनात करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए।
उन्होंने मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रो से जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही। आयुक्त ने गुरुवार को जंगलों में बढ़ रही आग की घटनाओं को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। कहा कि वनाग्नि की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जाए। मौजूदा समय में कुमाऊं के कई क्षेत्रों में जंगल आग की चपेट में हैं।
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