देहरादून। पिछले दिनों फटी जींस पर विवादित बयान के बाद से सुर्खियों में आए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक और बयान सामने आया है। अब उन्होंने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे गए अनाज को लेकर बयान दिया है। रविवार को रामनगर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया ? उन्होंने कहा की ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए, आपने दो किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन काहे का। ‘
इस बयान से चर्चाओं में आए थे तीरथ सिंह रावत
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृति विषय पर आयोजित कार्यशाला में विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि जब वह युवाओं को फटी जींस पहनकर घूमते देखते हैं तो उन्हें आश्चर्य होता है। उन्होंने एक संस्मरण का जिक्र करते हुए कहा कि वह जयपुर से दिल्ली की फ्लाइट पर बैठे हुए थे। उनके बगल में एक महिला बैठी हुई थी। महिला एक एनजीओ चलाती थीं, जबकि उसके पति एक कॉलेज में प्रोफेसर थे। उस महिला ने पांव में गमबूट और घुटनों में फटी जींस पहनी हुई थी। महिला के साथ उसके दो बच्चे भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि, एनजीओ चलाती हैं, पति जेएनयू में प्रोफेसर हैं, घुटने फटे दिख रहे हैं, समाज के बीच में जाती हैं, बच्चे साथ में है। क्या संस्कार दे रही हैं।
बयान के बाद मांगनी पड़ी थी माफी
फटी जींस के बयान को लेकर जब सीएम तीरथ सिंह रावत की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई तो उन्होंने इस पर माफी भी मांगी। उन्होंने कहा था कि वह बच्चों का कार्यक्रम था। मैंने एक पिता व एक अभिभावक होने के नाते उन्हें संस्कारों के बारे में जानकारी दी। मेरा जींस से कोई विरोध नहीं। मैंने फटी जींस का विरोध किया। फिर भी यदि किसी को मेरे कथन से ठेस पहुंची हो तो इसके लिए क्षमा चाहता हूं।
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