उत्तरकाशी। उत्तरकाशी (Uttarkashi) में ट्रेकिंग पर गए 14 ट्रेकर एवं पोर्टर (Trekker-Porter) भीषण बर्फबारी (Heavy Snowfall) की चपेट में आ गए। 17 अक्टूबर से अभी तक इन गायब लोगों की लोकेशन नहीं (no location) मिल पा रही है और न ही उनसे कोई संपर्क हो पाया है. ये हादसा दो अलग-अलग ट्रेकिंग टीमों के साथ हुआ. हादसे का शिकार हुई दूसरी टीम में वेस्ट बंगाल और दिल्ली के ट्रेकर थे।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे नीलापानी में आईटीबीपी की पोस्ट हैं. इसी सप्ताह आईटीबीपी की एक टुकड़ी पेट्रोलिंग पर निकली थी. इस बीच भीषण बर्फबारी में आईटीबीपी के जवान तो किसी तरह खुद को सुरक्षित बचाने में कामयाब हो गए, लेकिन टीम में शामिल तीन पोर्टर बर्फबारी में गायब हो गए. इन पोर्टरों की तलाश में आईटीबीपी सर्च अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक लापता पोर्टरों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
हादसे का शिकार हुई दूसरी टीम में वेस्ट बंगाल और दिल्ली के ट्रेकर थे. करीब 17 सदस्यों का यह दल 13 अक्टूबर को हर्षिल से लमखगा पास होते हुए हिमाचल ट्रेक पर निकला था. दल को 21 अक्टूबर को हिमाचल पहुंचना है. 17 अक्टूबर को ट्रेकरों के इस दल का खराब मौसम से सामना हुआ. इसे देखते हुए दल में शामिल छह पोर्टरों की एडवांस टीम रसद के साथ आगे के लिए रवाना की गई. इस बीच बर्फबारी होने लगी. एडवांस में भेजे गए छह पोर्टरों को वापस दल के पास आना था, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण पोर्टर वापस नहीं आ पाए. ये सभी छह पोर्टर हिमाचल पहुंच गए हैं, लेकिन दल के शेष 11 सदस्यों का 17 अक्टूबर के बाद अता-पता नहीं है।
वेस्ट बंगाल और दिल्ली के इन ट्रेकरों को ले जाने वाली एजेंसी हिमालयन ट्रेक एंड टूर्स के ऑनर मनोज रावत ने प्रशासन को इसकी सूचना दी. सूचना पर हिमाचल प्रदेश से आईटीबीपी की एक सर्च टीम मौके के लिए रवाना कर दी गई है. उत्तराखंड में बुधवार को एसडीआरएफ ने चौपर के जरिए सर्च अभियान चलाया. लेकिन पूरे ट्रेक की रेकी करने के बावजूद चौपर को कहीं कोई ट्रेकर नजर नहीं आया. बताया जा रहा है कि एसडीआरएफ ने अब ग्राउंड सर्च टीम रवाना की है।
उत्तराखंड में 17 अक्टूबर के बाद से लगातार मौसम खराब चल रहा है. भारी बारिश के चलते प्रदेश भर में 46 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे अधिक तबाही प्रदेश के कुमाऊं रीजन में हुई है. नैनीताल, चम्पावत, अल्मोड़ा में करीब दो दर्जन मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए।
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