महोबा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने के निर्देश दिए हैं। पाटीदार ने परिवहन में लगी गाड़ियों को चलाए जाने हेतु अवैध रूप से पैसे की मांग की थी। इसके साथ ही सीएम योगी ने भ्रष्टाचार के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बीते 24 घंटे में दो आईपीएस असफरों को निलंबित कर दिया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को सस्पेंड कर दिया था। आईपीएस अभिषेक दीक्षित पर अपराध नियंत्रण में नाकामी, क़ानून व्यवस्था में शिथिलता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके अलावा शासन और पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का भी आरोप लगा है। साथ ही एसएसपी पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिए जाने का भी गंभीर आरोप है। बता दें कि 17 जून को पीलीभीत से उनका तबादला हुआ था और वह प्रयागराज के एसएसपी नियुक्त हुए थे। उन्हें डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। दीक्षित की जगह सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया है।
पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के तत्काल प्रभाव से निलंबित होने के बाद अरुण कुमार श्रीवास्तव को महोबा का चार्ज दिया गया है, जो कि बतौर पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट, लखनऊ में तैनात थे। बहरहाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना सख्त रुख जारी रखा है और यही वजह है कि अब तक कई आईपीएस अधिकारी निलंबित किए गए हैं। महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार से पहले अभिषेक दीक्षित, दिनेशचंद्र दुबे, अरविंद सेन, अतुल शर्मा और एन कोलांची भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद निलंबित हो चुके हैं। इसके अलावा वैभव कृष्ण, डॉ. सतीश कुमार और सुभाषचंद्र दुबे भी अलग-अलग कारणों से निलंबित हुए थे।
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