लखनऊ। योगी का यूपी मौतों का यूपी बन गया है… पंचायत चुनाव के चलते फैली कोरोना महामारी से प्रदेश में 1 लाख मौतें हो चुकी हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ा 17817 पर ठिठका पड़ा है…मौतों का सबसे सर्वाधिक प्रकोप लखनऊ और मेरठ के साथ मुरादाबाद, बिजनौर, काशीपुर के साथ ही गांव-गांव मेें फैला है।
मौतों के कुछ आंकड़े तो डेथ सटिर्फिकेट से जाहिर हो रहे हैं, लेकिन गांव-गांव में हुई मौतें और गंगा में बहाई गई लाशों की तो कोई गिनती ही नहीं है। सरकार द्वारा न केवल मौतें छिपाई जा रही हैं, बल्कि मरीजों के आंकड़ों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। चुनाव के दौरान फैली महामारी के चलते चुनाव में जीते कई ग्राम प्रधान दम तोड़ चुके हैं।
आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में 15 फरवरी से 31 मार्च तक 5970 एवं 1 अप्रैल से 15 मई के बीच 7890 डेथ सर्टिफिकेट जारी हुए। इनमें से अकेले लखनऊ में ही 2268 मौतें रजिस्टर्ड हैं।
एक ही गांव में 45 दिनों में 85 मौतें रजिस्टर्ड
धामपुर नगर पालिका की ओर से पिछले 45 दिनों में करीब 85 लोगों के डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए। गांव की आबादी मात्र 3 हजार है। इन आंकड़ों में सरकारी अस्पतालों द्वारा जारी किए गए आंकड़े शामिल नहीं हैं।
कोरोना से उत्तरप्रदेश के तीसरे मंत्री की मौत
उप्र में योगी सरकार के एक और मंत्री विजय कश्यप की मौत हो गई। इन्हें मिलाकर अब तक कोरोना से प्रदेश में 3 मंत्रियों व 8 विधायकों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान विधायक की भी मौत
राजस्थान के भाजपा विधायक गौतम मीणा की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। वे पिछले एक सप्ताह से बीमार थे।
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