नई दिल्ली (New Delhi) । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पीलीभीत सीट (pilibhit seat) से वरुण गांधी (Varun Gandhi) का टिकट कटना चर्चा का विषय है। हालांकि, उनकी मां और सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) का कहना है कि उन्हें बेटे का टिकट कटने पर न ही कोई हैरानी है और न ही वह दुखी हैं। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद इसपर विचार किया जाएगा कि वरुण आगे क्या करेंगे।
खास बात है कि वरुण पीलीभीत से तीन बार सांसद रह चुके हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने जितिन प्रसाद को सीट से मौका दिया है। प्रसाद ने साल 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
बेटे को टिकट नहीं दिए जाने पर गांधी ने कहा, ‘भाजपा कैडर आधारित पार्टी है और सभी को लिए गए फैसलों को मानना पड़ता है।’ एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने भरोसा जताया है कि वरुण देश के लिए सकारात्मक रूप से योगदान देंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे बिल्कुल भी जानकारी नहीं है कि वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं या नहीं और न ही उनके भविष्य की रणनीति को लेकर कुछ पता है।’
सुल्तानपुर के विकास को लेकर उन्होंने कहा, ‘इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मुझे दोबारा मंत्री बनाएंगे या नहीं। कोई फर्क नहीं पड़ सकता और काम की रफ्तार सिर्फ बढ़ेगी।’
कहा था- वरुण से ही पूछ लो
बीते सप्ताह भी गांधी का सामना वरुण से जुड़े सवालों से हुआ था। उस दौरान वह सुल्तानपुर के 10 दिवसीय दौरे पर थीं। बेटे के भविष्य के प्लान को लेकर उन्होंने कहा था, ‘उनसे ही पूछ लीजिए कि वह क्या करना चाहते हैं। हम इसपर चुनाव के बाद विचार करेंगे। अभी समय है।’
उन्होंने कहा था, ‘मुझे बहुत खुशी है कि मैं भाजपा में हूं। टिकट देने के लिए मैं अमित शाह, पीएम मोदी और नड्डा जी का धन्यवाद करती हूं। टिकट का ऐलान काफी देर से हुआ, तो दुविधा में थी कि मुझे कहां से लड़ना चाहिए, पीलीभीत या सुल्तानपुर। पार्टी ने जो फैसला लिया है, मैं उसकी आभारी हूं।’ इससे पहले वरुण ने पीलीभीत की जनता के नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा था कि पीलीभीत के साथ उनका रिश्ता आखिरी सांस तक खत्म नहीं होगा।
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