– अम्बरीष कुमार सक्सेना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने व कैबिनेट गठन के तत्काल बाद कैबिनेट की बैठक कर 3 माह के लिए प्रदेश के 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क राशन वितरण की सीमा बढ़ाते हुए 30 जून, 2022 तक कर दिया है। मुख्यमंत्री जी का यह निर्णय बेहद मानवीय है, क्योंकि कोरोना के कारण अभी भी गरीबों की स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। सरकार की यह योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हुई है। प्रदेश के 15 करोड़ पात्र लोगों को डबल राशन का उपहार दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा सभी अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थ कार्ड धारकों को प्रति यूनिट प्रतिमाह 05 किलोग्राम गेहूं तथा उप्र सरकार द्वारा सभी पात्र गृहस्थ कार्ड धारकों को मुफ्त 05 किलोग्राम गेहूं/चावल प्रति यूनिट प्रतिमाह तथा अन्त्योदय कार्ड धारकों को मुफ्त 35 किलो गेहूं/चावल के साथ 01 किलोग्राम चीनी भी प्रतिमाह दी जा रही है, साथ ही सभी कार्ड धारकों को मुफ्त 01 किलोग्राम दाल, 01 ली0 खाद्य तेल एवं 01 किलोग्राम नमक का वितरण किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार के एनएफएसए के नियमित निःशुल्क खाद्यान्न के अतिरिक्त भारत सरकार के निर्देशानुपालन में समस्त अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत प्रति व्यक्ति 05 किग्रा खाद्यान्न (03 किग्रा गेहू व 02 किग्रा चावल) का भी प्रति माह निःशुल्क वितरण माह मार्च, 2022 तक कराया गया था। मई, 2021 से फरवरी, 2022 तक 47.91 लाख मी.टन गेहूं तथा 22.56 लाख मी.टन चावल, इस प्रकार कुल 70.47 लाख मी.टन खाद्यान्न का वितरण किया गया। मार्च 2022 में खाद्यान्न वितरित हुआ है। प्रदेश सरकार अप्रैल, 2022 में तीन चरणों में निःशुल्क राशन वितरण करा रही है। पहले चरण में 02 अप्रैल से 10 अप्रैल तक, दूसरे चरण में 12 से 20 अप्रैल तक एवं तीसरे चरण में 22 अप्रैल से राशन वितरण किया जा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण योजना के अन्तर्गत प्रवासी/अवरुद्ध मजदूरों को अस्थायी राशन कार्ड संख्या जेनरेट करते हुए, माह मई, 2020 से अगस्त, 2020 तक प्रति यूनिट 05 किग्रा की दर से 11888.657 मी.टन निःशुल्क खाद्यान्न व प्रति कार्ड 01 किग्रा की दर से 1060.497 मी0टन निःशुल्क चना का वितरण कराया गया है। दिव्यांगजन को राशनकार्ड उपलब्ध कराये जाने के लिए दिव्यांगजन को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अन्तर्गत आच्छादित किये जाने हेतु समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाता है, जिसके अन्तर्गत 18,50,363 दिव्यांगजन को एनएफएसए के अन्तर्गत आच्छादित किया गया है।
जब कोरोना वायरस के फैलने से पूरा देश लॉकडाउन हो गया। विश्वव्यापी यह महामारी ऐसे समय फैली की आम व्यक्ति इसके लिए तैयार नहीं था। लोगों का जीवन सामान्य गति से चल रहा था। हमारे देश में बड़ी संख्या में गरीब, कमजोर, मजदूर लोग व विभिन्न स्वउद्यम छोटे-छोटे दुकान, व्यवसाय, रिक्सा चालक, आटो चालक आदि मजदूरी करके दैनिक आमदनी से अपनी आजीविका चलाते हैं। कोविड-19 के कारण आमजन सुरक्षित रहे और यह वायरस अन्य लोगों में फैलने न पाये, इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा था, कि ’’हमें जान भी चाहिए और जहान भी चाहिए’’। प्रधानमंत्री जी को यह जानकारी थी कि देश में बड़ी जनसंख्या दैनिक आमदनी पर निर्भर है, इसलिए उन्होंने पूरे देश के गरीबों, कमजोरों, श्रमिकों, दैनिक मजदूरों आदि के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत देश की जनता में खाद्यान्न वितरित कराने की व्यवस्था की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लॉकडाउन से लेकर अभी तक लगातार गरीबों, श्रमिकों, दैनिक आमदनी से आजीविका चलाने वाले, गरीबों को खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था सुदृढ़ करते हुए प्रदेश के सभी जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी का ध्येय है कि पूरे प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा न रहे, सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। जिन परिवारों के राशन कार्ड हैं या जिनके पास नहीं है, ऐसे सभी पात्रों को खाद्यान्न वितरित किया गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि प्रदेश के किसी कोने से ऐसी कोई समस्या नहीं आई कि किसी गरीब, असहाय, श्रमिक जरूरतमंद को खाद्यान्न न मिला हो। लॉकडाउन के समय से लेकर आज तक सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न दिया जा रहा है। हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के श्रमिकों/कामगारों को भी राष्ट्रीय राशन पोर्टविलिटी के तहत खाद्यान्न का वितरण किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा असहाय, वृद्धजन, दिव्यांगजनों, निःशक्तजनों तथा हॉटस्पाट एरिया जहां पूर्ण लॉकडाउन था और आज भी वे उचित दर की दुकान तक नहीं जा सकते, उन क्षेत्र के ऐसे 7890 परिवारों को लगातार राशन की होम डिलीवरी की जा रही है।
लॉकडाउन के दौरान बहुत से ऐसे परिवार, श्रमिक, गरीब और निःसहाय लोग थे, जिनके पास खाद्यान्न तो था किन्तु किसी कारणवश भोजन बना नहीं पाते थे। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जिसके माध्यम से गांवों नगरों में खाना बनाकर परिवारों, श्रमिकों को बना-बनाया भोजन आपूर्ति किया गया। प्रदेश सरकार कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रदेश के समस्त जनपदों में अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों/कामगारों को प्रवास के लिए विभिन्न क्वारंटीन सेन्टर एवं ट्रांजिट कैम्प बनाये गये हैं, जहां वह निवासित थे, ऐसे लोगोंं को विशेष सतर्कता बरतते हुए अनुमन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उसी सेन्टर में की गई। ताकि लाभार्थियों के सुगमतापूर्वक इस योजना का लाभ प्राप्त हो जाये और उन्हें उचित दर की दुकानों पर न जाना पड़े।
प्रदेश सरकार की सुदृढ़ सुव्यवस्थित राशन वितरण प्रणाली के कारण ही प्रदेश के गांवों, कस्बों, नगरों में हर जरूरतमंद को खाद्यान्न लगातार मिल रहा है। उप्र के श्रमिक/कामगार जो देश के अन्य प्रदेशों से आये हैं, उन्हें प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा मुहैया करा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा हर पात्रों को दिये जा रहे राशन की हर तरफ प्रशंसा हो रही है। प्रदेश के गांवों के अंतिम व्यक्ति तक को राशन मिलने से मुख्यमंत्री योगी जी प्रदेश के गरीबों के मसीहा बन चुके हैं।
(लेखक हिन्दुस्थान समाचार से सम्बद्ध हैं)
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