लखनऊ (Lucknow) । घोसी उपचुनाव (Ghosi bypoll) में कांग्रेस रालोद व अपना दल (कमेरावादी) के साथ आ जाने से अब यह जंग एनडीए (NDA) बनाम ‘इंडिया’ गठबंधन के रूप में तब्दील हो गई है। चाहे यहां भाजपा (BJP) के दारा सिंह चौहान जीतें या सपा के सुधाकर सिंह लेकिन इंडिया गठबंधन (India Alliance) की एका को लेकर कांग्रेस (Congress) की गंभीरता का पता चलता है। अब इस एका के जरिए गठबंधन दलों में सकारात्मक संदेश गया है और इसे अब गठबंधन के मतदाताओं के बीच पहुंचाने की चुनौती होगी।
जहां तक सपा की बात है तो लोकसभा चुनाव से पहले घोसी में कांग्रेस के साथ आ जाने से सपा को मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल हुई है। इसीलिए उसने इस चुनाव को जीतने के लिए एड़ी चोटी जोर लगा दिया है। आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में न जाने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव 29 अगस्त को वहां प्रचार करने जा रहे हैं। वहां पहले से शिवपाल यादव ने डेरा डाल रखा है। सपा गठबंधन से अलग होकर भाजपा संग जाने वाले ओम प्रकाश राजभर के घोसी में असर को कम करने के लिए शिवपाल लगातार उन पर निशाना साध रहे हैं।
सपा ने अपने ‘पीडीए’ के दायरे में आने वाले प्रमुख नेताओं को घोसी के मैदान में उतार दिया है। पार्टी इसके जरिए एक ओर इंडिया गठबंधन के नेतृत्वकर्ता की भूमिका को और पुख्ता करना चाहती है साथ ही वह सहयोगी दलों को भरोसा दिलाना चाहती है कि सीट शेयरिंग के सवाल पर वह बड़े दिल का परिचय देगी।
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