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कृषक उपहार योजना के तहत 11 कृषकों को ट्रैक्टर की चाबी सौंपी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने

December 23, 2024


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने कृषक उपहार योजना के तहत (Under the Farmer Gift Scheme) 11 कृषकों को ट्रैक्टर की चाबी सौंपी (Handed over the Keys of Tractors to 11 Farmers) । उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन उत्तर प्रदेश में 2002 से ‘किसान सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।


उन्होंने कहा कि चौधरी साहब कहा करते थे कि किसान गरीब होगा तो भारत अमीर नहीं हो सकता। भारत को समृद्ध बनाने के लिए अन्नदाता किसान को समृद्ध बनाना पड़ेगा। इसे ध्यान में रखकर पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। किसानों के लिए 2014 से जो प्रयास प्रारंभ हुआ, दुनिया उसे मॉडल के रूप में ले रही है। मुख्यमंत्री सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती ‘किसान सम्मान दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कृषक उपहार योजना के तहत 11 कृषकों को ट्रैक्टर की चाबी दी और हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सीएम ने कहा कि आजादी के बाद किसानों के मुद्दों को लेकर चौधरी चरण सिंह जी का कांग्रेस के साथ मतभेद हुआ था, लेकिन पीएम मोदी ने पहली बार किसानों को भारत के राजनीतिक एजेंडे व सरकार की प्राथमिकता बनाने का कार्य किया। स्वॉयल हेल्थ कार्ड, उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने, खेती को तकनीक से जोड़ने, कृषक दुर्घटना बीमा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं से किसानों की उन्नति के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

सीएम ने कहा, “2014 में पीएम ने कहा था कि हमें किसानों की आमदनी को दोगुना करना है। प्रदेश में 1996 से 2017 तक (22 वर्ष) में कुल 95 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों के खाते में गया था, लेकिन 2017 से अब तक 2 लाख 61 हजार करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। पीएम मोदी का जोर है कि लागत को कम करना व उत्पादन को बढ़ाना है और इसी के माध्यम से किसान को समृद्ध व खुशहाल कर सकते हैं। डबल इंजन की सरकार ने साढ़े सात वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी। 14 लाख निजी नलकूपों को प्रदेश सरकार द्वारा फ्री में विद्युत उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके एवज में दो से ढाई हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सरकार अपने पास से पैसा दे रही है। पहले से लगे ट्यूबवेल को सोलर पैनल से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें, इसके लिए भी केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से कई पहल की गई है।

सीएम ने सम्मानित होने वाले किसानों के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि इन किसानों का पुरुषार्थ प्रेरणादायी है। खेती घाटे का सौदा नहीं है, बल्कि ईमानदारी से कार्य करने पर इसके सुखद परिणाम आएंगे। उन्होंने एक हेक्टेयर में उच्चतम फसल उगाने वाले सफल किसानों की कहानी बताई। गोरखपुर के किसान श्याम दुलारे यादव ने एक हेक्टेयर खेती में 79 क्विंटल गेहूं, रायबरेली के फूलचंद ने 44.12 क्विंटल का उत्पादन किया है। जालौन के हेमंत कुमार ने 45 क्विंटल मटर, सिंगार सिंह (पीलीभीत) ने 28.40 क्विंटल, राजीव कुमार (औरैया) ने 44.40 क्विंटल सरसो, नंदलाल (पीलीभीत) ने 90.20 क्विंटल धान, श्रीराम वचन (बहराइच) ने एक हेक्टेयर में 80.64 क्विंटल मक्का, श्रीराम लगन (आजमगढ़) ने 28.40 क्विंटल उड़द, मथुरा के महेश चंद ने 32.20 क्विंटल उत्पादन किया है। चरण सिंह (फिरोजाबाद) ने 13 क्विंटल तिल, काशी प्रसाद (जालौन) ने 13 क्विंटल का उत्पादन किया है। उर्मिला देवी (हमीरपुर) ने एक हेक्टेयर में 42.80 क्विंटल ज्वार, दीवान सिंह (फिरोजाबाद) ने 46.80 क्विंटल बाजरा, गोरखपुर के अनिल कुमार ने 20 क्विंटल कोदो, गोरखपुर के सुभाष ने 30.50 क्विंटल रागी, गोरखपुर के वीरेंद्र सिंह ने 24.10 क्विंटल सावा का उत्पादन किया है।

सीएम ने उद्यमिता की तरफ कदम बढ़ाने वाले किसानों को बधाई दी और कृषि विभाग से कहा कि इनकी पद्धति को कृषि विज्ञान केंद्रों तक पहुंचाइए। इनके कार्यों को जानने का अवसर अन्य किसानों को मिलना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि हमें लागत को कम करने के लिए विषमुक्त खेती की तरफ जाने की आवश्यकता है। धरती को मां कहते हैं, लेकिन इसकी सेहत का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। हमें इसके लिए तकनीक अपनानी चाहिए, प्रशिक्षण व जानकारी लेनी चाहिए। प्रदेश में लगभग सवा लाख एकड़ क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती हो रही है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे भावी पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल व सुरक्षित कर पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने गेहूं में श्रेष्ठ उत्पादन करने वाले श्याम दुलारे यादव (गोरखपुर), धान के लिए नंदलाल (पीलीभीत), मक्का उत्पादन में वचन लाल (बहराइच), सरसों व राई के लिए राजीव कुमार (औरैया) को शॉल, प्रशस्ति पत्र व एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया गया। विशिष्ट महिला श्रेणी में मधुमक्खी पालन के लिए राजकुमारी (लखनऊ), प्राकृतिक खेती में योगेंद्र कुमार सिंह (मीरजापुर), एफपीओ में उद्यमी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (बहराइच), औद्यानिक खेती के लिए धर्मेंद्र कुमार सिंह (गोरखपुर), कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक हमीरपुर के डॉ. प्रशांत कुमार आदि को सम्मानित किया।

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