– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
रक्षा सामग्री उत्पाद में आत्मनिर्भर अभियान आगे बढ़ रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा इस संबंध में लिया गया संकल्प साकार हो रहा है। लखनऊ में निजी क्षेत्र की रक्षा कम्पनी का उद्घाटन राजनाथ सिंह ने किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ और उत्तर प्रदेश के उद्यमी को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर यूपीडीआईसी में पहली संचालित निजी क्षेत्र की रक्षा विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया। रक्षा विनिर्माण सुविधा विमान के इंजन, हेलीकॉप्टर इंजन, विमानों के लिए संरचनात्मक भागों,ड्रोन और यूएवी,पनडुब्बियों, अल्ट्रा लाइट आर्टिलरी गन, स्पेस लॉन्च व्हीकल और स्ट्रैटेजी सिस्टम आदि का निर्माण करेगी। रक्षा मंत्री ने एक एकीकृत धातु निर्माण सुविधा की आधारशिला भी रखी। यह एयरोस्पेस अनुप्रयोगों के लिए टाइटेनियम और अन्य विदेशी मिश्र धातुओं में प्रमुख कच्चे माल का उत्पादन करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान का शुभारंभ किया था। यह अब प्रगति पर है। इसकी धमक दुनिया में दिखाई देने लगी है। कोरोना वैक्सीन का निर्माण आत्मनिर्भर अभियान की बानगी है। जिसके लिए सैकड़ों देश लाइन में हैं। इसी प्रकार रक्षा क्षेत्र में भी इस अभियान ने दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया है। भारत अभी तक सामरिक हथियारों का सबसे बड़ा आयातक माना जाता था। अब चालीस से अधिक देशों को भारत सामरिक उत्पाद का निर्यात कर रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत अनेक योजनाएं संचालित हो रही है। उत्तर प्रदेश के डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से देश को रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और मेक इन इण्डिया को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है।
नरेन्द्र मोदी ने करीब तीन वर्ष पूर्व को लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का शुभारम्भ करते हुए उत्तर प्रदेश में एक डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर स्थापित किये जाने की घोषणा की थी। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इसमें व्यापक सफलता मिल रही है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा कि ग्लोबल सिक्योरिटी कंसर्न,बार्डर डिस्प्यूट्स और मैरीटाइम डोमिनेंस के चलते दुनिया भर के देश आज अपनी सेना के मॉर्डनाइजेशन पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे में सैन्य उपकरणों की डिमांड भी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट बताती हैं कि बीते वर्ष में वर्ल्ड मिलट्री स्पेंडिंग लगभग दो ट्रिलियन यूएस डॉलर पर पहुंच चुकी थी। डिफेंस रिलेटेड डॉमेस्टिक डिमांड में भी बढ़ोतरी होगी।
भारत सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भर बन रहा है। देश का विकास पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर के बीच समन्वय से हो सकता है। निजी क्षेत्र की अहमियत को समझते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आज से बीस साल पहले डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर के सौ प्रतिशत प्रतिभागिता की व्यवस्था की थी। कास्टिंग और फोर्जिंग के क्षेत्र में जिन भारतीय कंपनियों ने दुनिया में बड़ा नाम कमाया है पीटीसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड उनमें से एक है। लखनऊ में जिस प्लांट का उद्घाटन हुआ है वह एयरोस्पेस और एयरोस्पेस में टाइटेनियम और निकिल के आलाय बनाने वाली पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है। भारत के अलावा अमेरिका, फिनलैंड,चीन,नॉर्वे व स्वीडन की बड़ी और प्रतिष्ठित कंपनियों को पीटीसी द्वारा अपने उत्पाद उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
आज भारत अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर रहा था। पहले हम आयात पर ही निर्भर थे। रक्षा मंत्रालय द्वारा दो सौ से अधिक उत्पाद की सूची जारी की गई है। इन सभी का उत्पाद अब भारत में होगा। इन्हें किसी भी सूरत में दुनिया के दूसरे दूर देशों से आयात नहीं किया जाएगा। फाइटर प्लेन, हेलीकॉप्टर,टैंक और पनडुब्बियों सहित के निर्माण के अवसर भी हमने मेगा डिफेंस प्रोग्राम तहत शुरू किए हैं। डीआरडीओ के माध्यम से निशुल्क ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी यूपी और तमिलनाडु के बीच में शुरू किया गया है। ट्रांसपोर्ट प्लेन सी का बाइस हज़ार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट किया है। इनमें अधिकांश प्लेन हमारी इंडियन इंडस्ट्री के साथ मिलकर बनाए जाएंगे। विगत सात वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट का अड़तीस हज़ार करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। दस हज़ार एमएसएमई का डिफेंस सेक्टर से जुड़ना प्रगति का उदाहरण है।
एक समय था जब भारत रक्षा सामग्री का सबसे बड़ा आयातक था। इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का कोई विजन ही नहीं था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने का बाद ही इस ओर ध्यान दिया। उनका कहना था कि भारत को हथियारों के उत्पाद में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। इतना ही नहीं इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत को हथियारों का निर्यातक भी बनाया जाएगा। इस संकल्प को पूरा करने का रोडमैप बनाया गया। उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। परिणाम स्वरूप वर्तमान सरकार के कार्यकाल में भारत का रक्षा निर्यात तैतीस प्रतिशत बढ़ा है। भारत पचहत्तर देशों को रक्षा उत्पाद का निर्यात कर रहा है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। गत वर्ष डीआरडीओ ने उद्योग के साथ सवा दो सौ लाइसेंस समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिगत यह कार्य अपरिहार्य थे। यूपीए सरकार ने इस जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया। यहां तक कि राफेल डील को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी यूपीए सरकार की थी। प्रधानमंत्री ने दो वर्ष पूर्व अमेठी में भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम इण्डो रशियन राइफल्स प्रालि राष्ट्र को समर्पित किया था। प्रधानमंत्री ने ही तीन वर्ष पूर्व यूपी इन्वेस्टर्स समिट के शुभारम्भ अवसर पर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की घोषणा की। प्रदेश सरकार ने इस डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू की है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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