केप कैनावेरल (फ्लोरिडा) (Cape Canaveral – Florida)। अमेरिका (America) की चांद पर मानव को उतारने (Landing humans moon.) की कोशिशों को झटका लगा है। तकनीकी खामी (Technical flaw) के कारण चांद के लिए भेजा गया पहला वाणिज्यिक अमेरिकी मिशन फेल (first commercial American mission failed) हो गया है। एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी कंपनी (Astrobotic Technology Company) ने इस वाणिज्यिक चंद्र मिशन को भेजा था। लेकिन कंपनी को ईंधन रिसाव के कारण चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान को उतारने के अपने प्रयास से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद एक घंटे बाद नासा ने भी अपने मून मिशन को स्थगित करने की घोषण कर दी। नासा के वाणिज्यिक चंद्र कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सोमवार को लॉन्च किए गए एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी कंपनी के पेरेग्रीन लैंडर (Peregrine Lander) को अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रहरी (स्काउट) के रूप में काम करना था।
नासा ने इस साल के अंत में चंद्रमा के चारों ओर चार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन अब चंद्रमा पर पहली बार मानव को उतारने की योजना को 2026 तक टाल दिया गया है। अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की उड़ान भरने के लिए कुछ और वर्षों तक इंतजार करना होगा।
पेरेग्रीन लूनर लैंडर को सोमवार को किया गया था लॉन्च
अपोलो मिशन के 50 वर्षों बाद चंद्रमा की सतह पर पहला अंतरिक्ष यान उतारने के लिए यूनाइटेड लॉन्च अलायंस के वल्कन रॉकेट से पेरेग्रीन लूनर लैंडर को सोमवार को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया था। लैंडर को सफलतापूर्वक लॉन्च वाहन से अलग कर दिया गया। लेकिन कुछ घंटों बाद एस्ट्रोबोटिक ने खराबी की सूचना देना शुरू कर दिया। जिसकी शुरुआत एक प्रणोदन गड़बड़ी के कारण पेरेग्रीन के सौर पैनल को सूर्य की ओर उन्मुख करने और इसकी बैटरी को ऊपर रखने में असमर्थता से हुई, जिसने अंतरिक्ष यान के बाहरी हिस्से को भी नुकसान पहुंचाया।
चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोई संभावना नहीं
कंपनी ने कहा कि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोई संभावना नहीं है। पेरेग्रीन लैंडर के पास लगभग 40 घंटे का ईंधन शेष है। एस्ट्रोबोटिक ने कहा कि उसने अंतरिक्ष यान को तब तक संचालित करने की योजना बनाई है जब तक कि उसमें प्रणोदक (Propellant) खत्म नहीं हो जाता। एस्ट्रोबोटिक को अपने अगले मिशन की तैयारी के लिए डाटा मिलना जारी है। एस्ट्रोबोटिक इस साल के अंत में नासा के रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ले जाने वाले ग्रिफिन लैंडर को भेजने की तैयारी में है।
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