इंदौर। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देश के सभी राज्यों की सरकारें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम में जुटी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई अन्य राज्यों के सीएम भी दिन-रात महामारी पर नियंत्रण के लिए लगातार कवायद करने में जुटे हैं। इन सब के बीच कई नेता बीमारी पर नियंत्रण की अजीबो-गरीब सलाह देकर विचित्र स्थिति पैदा कर दे रहे हैं। यूपी के एक बीजेपी नेता ने हाल ही में गोमूत्र से कोरोना को ठीक करने की अजीब सलाह दी थी, इसके बाद मध्य प्रदेश में अपने चर्चित बयानों के लिए मशहूर मंत्री उषा ठाकुर ने आज अनोखी सलाह दे डाली है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए सभी लोगों को सुबह 10 बजे यज्ञ करना चाहिए।
मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजधानी भोपाल समेत अन्य शहरों में सैकड़ों मरीजों की मौत हुई है। भोपाल में कोरोना से मौत के बाद सैकड़ों चिताओं के जलने की तस्वीरें देश-दुनिया में वायरल हुईं। वहीं अब शिवराज सरकार कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की रणनीति बनाने में जुट गई है। इसके बीच प्रदेश की पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का मानना है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए लोगों को यज्ञ करना चाहिए। इसे भारत की सनातन और पौराणिक परंपरा बताते हुए ठाकुर ने यज्ञ करने का समय भी निर्धारित कर दिया है।
मंत्री उषा ठाकुर ने आज कहा कि यज्ञ करने से कोरोना की तीसरी लहर भारत को छू भी नहीं पाएगी। मीडिया के साथ बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा, कोरोना की तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए सरकार सभी तैयारियां कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी के प्रयास से हम इस महामारी को नियंत्रित कर लेंगे। उषा ठाकुर ने अपने बयान में कहा, ‘सभी लोग पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए यज्ञ करें और दो-दो आहुति डालें। अभी 10, 11, 12 और 13 तारीख को सुबह 10 बजे यज्ञ करें। यज्ञ चिकित्सा है, यह कर्मकांड और अंधविश्वास नहीं है, बल्कि पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए चिकित्सा है।’
कोरोना नियंत्रण को लेकर मंत्री उषा ठाकुर का ऐसा बयान पहली बार नहीं आया है। इसके पहले भी वह मास्क को लेकर अजीब बयान दे चुकी हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क पहनने के सरकारी अभियान के बीच उनके मास्क न पहनने को लेकर जब मीडिया ने सवाल उठाया तो मंत्री ने कहा था कि वह रोज योगा करती हैं। उषा ठाकुर ने कहा था कि वह रोजाना प्राणायाम करती हैं और सप्तशती का पाठ करती हैं, इसलिए उन्हें कोरोना नहीं हो सकता।
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