भोपाल। पीडि़त व्यक्ति को थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराना सबसे बड़ी चुनौती होता है, क्योंकि थानों में मौजूद पुलिस जवानों के सवाल पीडि़त को उलझन में डालने वाले होते हैं। इन स्थितियों में कु छ खास अपराधों पर फरियादी को शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर नहीं लगाना पड़ रहे हैं, बल्कि अपने मोबाइल से ही रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं। इस व्यवस्था को 13 अगस्त 2021 में राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) ने शुरु किया था। तब से अब तक डेढ़ साल के भीतर करीब 3004 ई-एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। हालांकि 5498 शिकायतें रिजेक्ट भी की गई हैं। इस सेवा का इस्तेमाल करने में इंदौर जोन के लोग अव्वल हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल जोन के लोग हैं, जबकि तीसरे पर ग्वालियर और चौथे स्थान पर जबलपुर है। वहीं बालाघाट जोन में अब तक ई-एफआईआर का खाता तक नहीं खुल सका है। इधर, दतिया और छतरपुर जैसे छोटे जिलों में भी इस व्यवस्था का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है।
यहां दर्ज होती है ई-एफआईआर
मध्यप्रदेश पुलिस की वेबसाइट https://www.mppolice.gov.in/ पर जाएं। इसके होमपेज की बायीं ओर ई-एफआईआर के विकल्प पर क्लिक करें। यही सुविधा एमपी पुलिस के नागरिक पोर्टल https://www.calameo.com/account/book पर भी मिलेगी। हालांकि इस व्यवस्था के तहत केवल खुले स्थान से चोरी की 15 लाख रुपए तक की शिकायत तथा नकबजनी की एक लाख रुपए तक की एफआईआर दर्ज की जा सकती है। किसी भी प्रकार से बल प्रयोग,लूट,डकैती और धोखाधड़ी के प्रकरण इसमें दर्ज नहीं कराए जा सकते हैं।
इनका कहना है
कई जिलों में प्रचार प्रसार की कमी के आभाव में ई-एफआईआर व्यवस्था का उपयोग कम अथवा नहीं हो रहा है। ऐसे कई जिले चिन्हित किए गए हैं। ऐसे जिलों के एसपी की मीटिंग लेकर ई-एफआईआर व्यवस्था के प्रचार और प्रसार को बड़ावा देने के लिए निर्देशित किया जाएगा। अन्य माध्यमों से ाी इसका प्रचार प्रसार बढ़ाया जाएगा।
चंचल शेखर, एडीजी राज्य एससीआरबी
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