वाशिंगटन (Washington)। इस्राइल और हमास के बीच युद्ध (Israel and Hamas war) जारी है। इसका असर मध्यपूर्व के अलग-अलग देशों में दिखाई दे रहा है। ईरान (Iran), जॉर्डन (Jordan), सीरिया (Syria) और हूती (Houthi) सहित अन्य देश और संगठन अमेरिका के खिलाफ हमलावर (attacker against America) हैं। इस बीच अमेरिका ने हूती विद्रोहियों (Houthi rebels ) को मुंहतोड़ जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (United States of America) और यूनाइडेट किंगडम (United Kingdom) ने शनिवार को हूती ठिकानों के खिलाफ हवाई और जमीन पर हमले किए। दोनों देशों ने हूती के 10 अलग-अलग ठिकानों पर 30 से अधिक लक्ष्यों पर हमला किया। हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के साथ एक संयुक्त बयान जारी किया। बयान में उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लाल सागर में शांति स्थापित करना है। हम लाल साहर में तनाव कम करना चाहते हैं। हम विश्व के महत्वपूर्ण जलमार्गों मे से एक की रक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे।
यूएस सेंट्रल कमांड ने बताया कि अमेरिका सेना ने शनिवार 19.20 बजे आत्मरक्षा में लाल सागर में विद्रोहियों द्वारा तैयार किए गए छह एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइलों के खिलाफ हमला किया। कमांड की मानें तो, लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के जहाजों और व्यापारिक जहाजों के लिए खतरा पैदा किया जा रहा था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों पर अमेरिकी हमलों पर चर्चा करने के लिए आपातकालीन बैठक आयोजित करने को तैयार हुआ है। सोमवार को आपातकालीन बैठक होगी। बैठक का आयोजन सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य और ईरान के करीबी रूस के अनुरोध पर आयोजित की जा रही है।
अमेरिका के खिलाफ इसलिए हो रहे हैं हमले
बता दें, गाजा में हो रहे इस्राइल हमलों से मध्यपूर्व बौखलाया हुआ है। मध्यपूर्व गाजा में हो रहे हमलों का कारण अमेरिका को मानता है। इसी वजह से हूती विद्रोही अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों के खिलाफ हमले कर रहे हैं। साथ ही कभी ईरान तो कभी जॉर्डन को कभी सीरिया में अमेरिकी सेना और अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमले हो रहे हैं। हाल ही में तुर्किये में दो बंदूकधारी एक अमेरिकी कंपनी में घुस गए, उन्होंने कंपनी में मौजूद सात लोगों को को बंधक बना लिया।
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