वाशिंगटन (Washington)। अमेरिका (America) में नागरिकों (Citizens) को अपने पासपोर्ट (Passport) बनवाने में तीन से चार महीने तक लग रहे हैं। यहां हर हफ्ते पांच लाख आवेदन (5 lakh applications every week) आ रहे हैं। इससे पिछले साल 2.20 करोड़ पासपोर्ट (2.20 crore passports) जारी करने का रिकॉर्ड टूट सकता है। लंबी इंतजार अवधि और धीमी प्रक्रिया की वजह से हजारों नागरिक अपने घूमने-फिरने व विदेश जाकर परिजनों से मिलने की योजनाएं रद्द कर रहे हैं या हजारों डॉलर खर्च कर यात्रा के अतिरिक्त टिकट ले रहे हैं।
डलास की रहने वाली जिंजर कॉलियर को अपने व परिवार के तीन सदस्यों के साथ जून में इटली की यात्रा करनी थी। उन्होंने मार्च में पासपोर्ट के लिए आवेदन किए तो अधिकारियों ने 11 हफ्ते इंतजार करने को कहा, लेकिन बाद में इंतजार अवधि बढ़ाकर 13 हफ्ते कर दी गई। अंतत: डलास में पासपोर्ट ऑफिस में सात घंटे जूझने के बाद उन्हें पासपोर्ट मिले वो भी अपनी यात्रा के महज चार दिन पहले। जिंजर बताती हैं कि यात्रा रद्द होने पर उन्हें चार हजार डॉलर के नुकसान के साथ अपने बेटे से मिलने का अवसर भी गंवाना पड़ता।
विदेश मंत्री ने संसद में दी सफाई
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) को इस हालात के लिए संसद में बयान देना पड़ा। उन्होंने वजह बताई कि कोविड के दौरान लोगों की यात्राएं घट गई थीं। ऐसे में सरकार ने इस काम में शामिल कंपनियों से अनुबंध खत्म किए, बड़ी संख्या में स्टाफ को दूसरे कामों में लगाया है। पासपोर्ट नवीनीकरण का सरकारी ऑनलाइन सिस्टम सुधारने के लिए कुछ समय बंद किया गया। ब्लिंकन के अनुसार, अब पर्यटन और यात्राएं फिर से बढ़ गई हैं, इससे पासपोर्ट आवेदन भी तेजी से बढ़े। हालात सुधारने के लिए कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है।
सोशल मीडिया से संसद तक शिकायतें
पासपोर्ट बनाने में देरी से परेशान अमेरिकी सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं और अपने सांसदों से भी जवाब मांग रहे हैं। सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में कई सदस्यों के पास इस साल सबसे ज्यादा शिकायतें पासपोर्ट समय पर न बन पाने की आ रहीं हैं।
इधर, दिल्ली में वीजा के लिए 451 दिन
स्टाफ कम करने से कई देशों में अमेरिकी दूतावास में वीजा आवेदन प्रक्रिया को भी नुकसान हो रहा है। जून में दिल्ली में लोगों को वीजा साक्षात्कार के लिए 451 दिन इंतजार करने को कहा जा रहा था। साओ पाउलो में यह अवधि 600 दिन, मेक्सिको सिटी में 750 दिन, कोलंबिया के बोगोटा में 801 दिन की हो चुकी है। इस्राइल में आठ जून को यह अवधि 360 दिन थी, जो दो जुलाई को घटकर 90 दिन रह गई।
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