वॉशिंगटन. अमेरिकी (American) पत्रकार टेरी एंडरसन (Terry Anderson) का निधन हो गया है। टेरी एंडरसन को इस्लामी (islamic) आतंकियों ने लेबनान (Lebanon) में करीब सात वर्षों तक बंधक बनाकर रखा था और पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हुई थी। टेरी एंडरसन ने रविवार को 76 वर्ष की उम्र में अपने न्यूयॉर्क (New York) स्थित घर पर अंतिम सांस ली। टेरी एंडरसन मीडिया जगत के एक बड़े संस्थान के मध्य पूर्व के मुख्य संपादक थे और लेबनान में बंधक बनाए गए पश्चिमी नागरिकों में सबसे लंबे समय तक बंधक रहे।
लेबनान में करीब सात वर्षों तक रहे बंधक टेरी एंडरसन
टेरी एंडरसन की बेटी सुलोम एंडरसन ने यह जानकार दी। टेरी को शिया मुस्लिम आतंकी संगठन ने बंधक बनाकर रखा था। इस दौरान टेरी को हाथ-पैर बांधकर, आंखों पर पट्टी बांधकर एक ऐसी कोठरी में रखा गया, जहां रोशनी भी कम आती थी। टेरी ने रिहाई के बाद बताया था कि वह एक समय पागल जैसे हो गए थे और खुदकुशी करना चाहते थे, लेकिन उनकी रोमन कैथोलिक आस्था की वजह से वे बचे रहे। आखिरकार दिसंबर 1991 में टेरी को रिहा कर दिया गया। टेरी की बेटी सुलोम ने बताया कि उसके पिता ने बंधक रहते हुए काफी कष्ट झेला। सुलोम ने कहा ‘वह चाहेंगे कि लोग उन्हें उनके सबसे बुरे अनुभव के लिए याद न रखें बल्कि उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें याद रखा जाए। जैसे उन्होंने वियतनाम के बच्चों के लिए फंड बनाया। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति बनाने समेत कई अच्छे काम किए।’
शिया आतंकियों ने किया था अपहरण
टेरी एंडरसन का जन्म 27 अक्तूबर 1947 को ओहियो में हुआ था। टेरी का बचपन बटाविया, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में बीता। आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी से स्नातक करने के बाद टेरी ने छह वर्षों तक मरीन कॉर्प्स में भी काम किया। इसके बाद टेरी ने मीडिया में काम करते हुए डेट्रॉयट, लुइसविले, न्यूयॉर्क, टोक्यो, जॉहानेसबर्ग और फिर बेरूत में काम किया। बेरूत से ही टेरी का अपहरण किया गया। 16 मार्च 1985 को जब टेरी बेरूत स्थित अपने घर पर टेनिस खेल रहे थे, उसी दौरान एक कार में आए कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने उनका अपहरण कर लिया। आतंकियों ने टेरी के बदले कुवैत की जेलों में बंद अपने साथी आतंकियों को छोड़ाने की मांग की। हालांकि टेरी की रिहाई नहीं हो पाई और अगले छह साल टेरी के लिए नारकीय साबित हुए। टेरी के बंधक रहने के दौरान ही उनके पिता और भाई की कैंसर से मौत हो गई थी। टेरी की रिहाई के लिए उनकी बहन ने काफी कोशिश की थी। अमेरिकी सरकार ने भी टेरी की रिहाई के लिए काफी कोशिश की, लेकिन सब बेकार गईं और टेरी को अपने जीवन के कई साल नरक जैसे हालात में बिताने पड़े थे।
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