वॉशिंगटन। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा (Social media platform Meta) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer) मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने आरोप लगाया है कि जो बाइडन-कमला हैरिस प्रशासन (Joe Biden-Kamala Harris administration) ने कोविड से संबंधित पोस्ट को सेंसर करने (हटाने) के लिए मेटा की टीमों पर बार-बार दबाव बनाया था। जुकरबर्ग ने ये भी कहा है कि उन्हें इस मुद्दे पर अधिक मुखर न होने का अफसोस है। मार्क जुकरबर्ग ने अमेरिकी सदन की ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखे पत्र में ये आरोप लगाए हैं।
मार्क जुकरबर्ग ने लगाए गंभीर आरोप
मार्क जुकरबर्ग ने पत्र में लिखा कि साल 2021 में बाइडन-हैरिस प्रशासन और व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कुछ कोविड-19 संबंधी सामग्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए बार-बार दबाव डाला था। जब हम इस पर सहमत नहीं हुए तो उन्होंने इसे लेकर अपनी निराशा भी व्यक्त की थी। जुकरबर्ग ने कहा कि आखिरकार यह हमारा फैसला था कि कंटेंट को हटाना है या नहीं। हमारे फैसलों के लिए हम ही जिम्मेदार हैं।
जुकरबर्ग ने सरकार द्वारा उन पर दबाव बनाए जाने की आलोचना भी की। जुकरबर्ग ने पत्र में लिखा ‘मेरा मानना है कि सरकार का दबाव गलत था, और मुझे खेद है कि हम इस बारे में अधिक मुखर नहीं थे। मुझे दृढ़ता से लगता है कि हमें किसी भी दशा में किसी भी प्रशासन के दबाव के कारण अपने कंटेंट मानकों से समझौता नहीं करना चाहिए और अगर ऐसा कुछ फिर से होता है तो हम पीछे हटने के लिए तैयार हैं।’
रिपब्लिकन पार्टी ने कसा तंज
रिपब्लिकन पार्टी की न्यायपालिका पर सदन कमेटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मेटा सीईओ के पत्र के बारे में जानकारी दी। पोस्ट में लिखा है, ‘मार्क जुकरबर्ग ने तीन बातें स्वीकार की हैं: 1. बिडेन-हैरिस प्रशासन ने अमेरिकियों को सेंसर करने के लिए फेसबुक पर ‘दबाव’ डाला। 2. फेसबुक ने अमेरिकियों को सेंसर किया। 3. फेसबुक ने हंटर बिडेन लैपटॉप की कहानी को दबा दिया। मुक्त भाषण के लिए बड़ी जीत।’
जकरबर्ग ने पत्र में एक और प्रकरण को याद किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने 2020 के चुनाव से पहले बाइडन परिवार और बरिस्मा के बारे में संभावित रूसी दुष्प्रचार अभियान के बारे में मेटा को चेतावनी दी थी। इसके बाद, मेटा ने जो बाइडन के परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर कंटेंट को दबा दिया था, लेकिन मेटा के सीईओ का दावा है कि रिपोर्टिंग रूसी दुष्प्रचार नहीं थी और कहानी को दबाया नहीं जाना चाहिए था।
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