नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबानी आतंकियों द्वारा कब्जे के बीच भारतीय शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। अधिकारियों ने कहा है कि तालिबानी आतंकियों ने जो अफगानिस्तान की सेना से अमेरिकी हथियार लूटे थे उसे उन्होंने पाकिस्तान भेज दिया है।
अधिकारियों को आशंका है कि आतंकी इन हथियारों का उपयोग भारत से पहले पाकिस्तान में तबाही मचाने में कर सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि भारत में सक्रिय आतंकवादी समूहों को भी हथियार उपलब्ध कराए जाने की आशंका है, लेकिन सुरक्षा बल उन लोगों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अधिकारियों ने कहा कि हमें बहुत सारे ऐसे इनपुट मिल रहे हैं जिसमें बताया जा रहा है कि अमेरिकी मूल के हथियार विशेष रूप से छोटे हथियार पाकिस्तान को भेजे जा रहे हैं। लेकिन तालिबान की जीत से जिस तरह से आतंकवादी समूहों का हौसला बढ़ा है, वहां इन हथियारों के हिंसा के लिए इस्तेमाल होने की बहुत अधिक संभावना है।
अधिकारियों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि अमेरिकी सेना ने अफगान सेना को पिछले 20 वर्षों में एम-16 और एम-4 असॉल्ट राइफलों सहित 6.5 लाख से अधिक छोटे हथियार प्रदान किए हैं। साथ ही बख्तरबंद भेदी गोला-बारूद या स्टील कोर गोलियों का एक बड़ा जखीरा प्रदान किया है।
अमेरिकी सैनिकों ने अफगान सैनिकों को बड़ी संख्या में बुलेटप्रूफ उपकरण, नाइट विजन गॉगल्स और संचार उपकरण भी दिए। लेकिन तालिबानियों ने अपने आतंक से इन्हें भी छीन लिया। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्नाइपर राइफलें भी आतंकवादी समूह के हाथों में चली गई हैं।
हालांकि वरिष्ठ सैन्य सूत्रों ने कहा कि कश्मीर घाटी में भारतीय सेना का आतंकवाद रोधी ग्रिड आतंकवादियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है, भले ही वे बेहतर हथियारों और अस्तित्व के उपकरणों से क्यों न लैस हों। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और कश्मीर घाटी के भीतरी इलाकों में घुसपैठ रोधी ग्रिड पहले से ही मौजूद हैं।
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