संयुक्त राष्ट्र: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध ने अनेक विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था (economy of developing countries) के लिए तबाही का खतरा पैदा कर दिया है. ये देश पहले ही खाद्यान्न और ईंधन की बढ़ती कीमतों का सामना कर रहे हैं साथ ही जटिल आर्थिक हालात से जूझ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) कार्य बल ने बुधवार को यह चेतावनी दी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने बुधवार को यह रिपोर्ट जारी की. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और पर्याप्त वित्त पोषण के अभाव में अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में पहले से ही संघर्ष कर रहे देशों में रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते खाद्य, ऊर्जा व आर्थिक संकट के और गहराने की आशंका है. व्यापार एवं विकास को बढ़ावा देने से संबंधित संरा एजेंसी की महासचिव रेबेका ग्रिनस्पैन ने रिपोर्ट तैयार करने वाले कार्यबल के साथ समन्वय किया.
उन्होंने कहा कि 107 देश खाद्य, ऊर्जा और आर्थिक संकट के कम से कम एक कारक, जबकि 69 मुल्क तीनों कारकों के मद्देनजर गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं.रेबेका के मुताबिक, इन देशों को बेहद मुश्किल आर्थिक दौर का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें उबारने के लिए कोई बाहरी वित्त पोषण नहीं है, किसी वित्तीय सहयोग की कोई गुंजाइश भी नहीं है. रिपोर्ट में देशों से खुले बाजारों के जरिये खाद्य वस्तुओं और ईंधन का एक स्थिर प्रवाह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है.
इसमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों (international financial institutions) से पूंजी का अधिक प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया गया है. इधर, शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने ट्विटर पर लिखा था, ‘यूक्रेन छोड़कर जाने वाले शरणार्थियों की संख्या 20 लाख हो गयी है.’ युद्ध की शुरुआत होने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन शुरू किया है. इन लोगों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण ली है. विश्व खाद्य सुरक्षा पर समिति के प्रमुख गैबरील फरेरो डि लोमा-ओसोरियो (Gabriel Ferrero de Loma-Osorio) ने कहा कि हालात ठीक नहीं हैं.
कोरोना महामारी से पहले से ही भुखमरी धीरे-धीरे बढ़ रही थी, लेकिन अब इसमें काफी इजाफा हो गया है. भुखमरी के खिलाफ जंग के लिए संयुक्त राष्ट्र की इस समिति के अधिकारी लोमा ओसोरियो ने कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी से पहले की तुलना में इस समय अनुमानत: 16.1 करोड़ ज्यादा लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं. इस वक्त इनकी कुल संख्या 82.1 करोड़ होने का अनुमान है.
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